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नसबंदी न पकड़ने का अभियान, जंगली पशुओं का कोहराम

जिले में नीलगायों ने कोहराम मचा रहा है। रात के अंधेरे में ही नहीं दिन के उजाले में भी नील गाय न केवल फसल चट कर जा रहे है बल्कि लोगों पर हमले भी कर रहे है। वन एवं पर्यावरण मंत्री के आदेश के बावजूद जिले में न तो नीलगायों को पकड़ने का अभियान शुरू हो सका है नहीं इनकी नसबंदी का ही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 12:56 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 12:56 AM (IST)
नसबंदी न पकड़ने का अभियान, जंगली पशुओं का कोहराम
नसबंदी न पकड़ने का अभियान, जंगली पशुओं का कोहराम

शिवहर । जिले में नीलगायों ने कोहराम मचा रहा है। रात के अंधेरे में ही नहीं दिन के उजाले में भी नील गाय न केवल फसल चट कर जा रहे है बल्कि लोगों पर हमले भी कर रहे है। वन एवं पर्यावरण मंत्री के आदेश के बावजूद जिले में न तो नीलगायों को पकड़ने का अभियान शुरू हो सका है नहीं इनकी नसबंदी का ही। नीलगाय के अलावा जंगली सुअरों ने इलाके में आतंक मचा रखा है। नीलगायों का दल जहां फसलों को चट कर जा रहा है वहीं जंगली सुअर फसलों को बर्बाद कर रहे है। इस दौरान नीलगायों और जंगली सुअरों का इंसानों पर भी हमला जारी है। पिछले एक साल में नीलगाय और जंगली सुअर के हमले में नौ लोगों की मौत हुई है। जंगली सुअर से फसलों के बचाव के लिए खेतों में लगाए गए विद्युत तार के संपर्क में आने से सात लोगों की मौत हुई है। वहीं दर्जनों जख्मी हुए है। नीलगायों के हमले में भी दर्जनों लोग जख्मी हुए है। एक अनुमान के तहत जिले में हर साल जंगली पशु एक करोड़ की फसलों को बर्बाद कर देते है। शिवहर दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने शिवहर ही नहीं पूरे बिहार में नीलगायों को पकड़ने, उनकी नसबंदी करने और नीलगायों को पकड़ वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ने के लिए अभियान शुरू करने की बात कही थी। बावजूद इसके वन विभाग द्वारा कोई पहल शुरू नहीं की गई है। जबकि, नीलगायों का कोहराम लगातार बढ़ रहा है। तरियानी, पुरनहिया, पिपराही और डुमरी कटसरी समेत तमाम इलाकों में नीलगायों का आतंक बरकरार है। बागमती नदी के किनारे स्थित खेतों में लगी फसलों को नीलगाय न केवल चट कर जा रहे है बल्कि फसलों को बर्बाद कर रहे है। नीलगाय पहले रात के अंधेरों में इलाके में सक्रिय होते थे। अब दिन के उजाले में भी नीलगायों का कहर दिख रहा है। वन विभाग के अधिकारी नरेश कुमार बताते हैं कि वन विभाग द्वारा नीलगायों को पकड़ कर उनकी नसबंदी करने और नीलगायों को पकड़ वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ने की योजना बनी है। हालांकि, अबतक विभाग द्वारा कोई आदेश-निर्देश नहीं मिला है। बताया कि शीघ्र ही नीलगायों को पकड़ा जाएगा।

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