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जमानत बनी रामलाल पासवान और उसके भाई की हत्या की वजह

शिवहर। पूर्व नक्सली रामलाल पासवान और उसके भाई की हत्या मामले में मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2022 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2022 12:31 AM (IST)
जमानत बनी रामलाल पासवान और उसके भाई की हत्या की वजह
जमानत बनी रामलाल पासवान और उसके भाई की हत्या की वजह

शिवहर। पूर्व नक्सली रामलाल पासवान और उसके भाई की हत्या मामले में मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर डबल मर्डर के इस वारदात में ट्रिपल कनेक्शन की जांच कर रही है। इसकी जद में जमानत, पंचायत चुनाव की रंजिश और भूमि विवाद है। पुलिस ने आरोपितों के नाम और हत्या के कारणों का उछ्वेदन करने से परहेज रखा है। हालांकि, स्वजनों के अनुसार घटना का कारण भूमि विवाद, जमानत और पंचायत चुनाव की रंजिश बताया गया है। इसके अलावा आपसी दुश्मनी वर्चस्व की लड़ाई को भी कारण बताया जा रहा है। रामलाल पासवान शुरू से ही आंदोलनकारी रहे। वह जुल्म के खिलाफ आवाज उठाते रहे। जब उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो लाल झंडा थाम माओवाद की राह पकड़ ली। वहीं इलाके में लाल सलाम का नारा बुलंद किया। इलाके में माओवाद के विस्तार के साथ ही वह व्यवस्था के खिलाफ जंग लड़ने लगे। रामलाल पासवान भाकपा माओवादी का सक्रिय सदस्य रहे। 24 जून 2001 को देकुली पुलिस पिकेट पर हमला कर नक्सलियों ने शिवहर में इंट्री ली थी। इसके बाद रामलाल पासवान की कई नक्सल वारदातों में संलिप्तता सामने आई। उसके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हुए थे। वह जेल भी गए थे। बाद में तत्कालीन एसपी प्रकाशनाथ मिश्रा की पहल पर रामलाल पासवान ने 15 अक्टूबर 2016 को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। समाज की मुख्य धारा में आने के बाद भी उनका प्रभाव कम नहीं हुआ था। इसी बीच वह लगातार राजनीति में अपना प्रभाव बनाने की तैयारी करने लगे। कुछ हद तक प्रभाव बढ़ा भी। वह अपनी पत्नी शोभा देवी को ससौला खुर्द पंचायत से मुखिया बनाने की तैयारी में लगे रहे। तीन प्रयास के बाद भी पत्नी को मुखिया बनाने में नाकाम रहे। संपन्न पंचायत चुनाव के दौरान कई लोगों से दुश्मनी बढी। गांव के कई लोगों से पहले से ही भूमि विवाद चल रहा है। रामलाल पासवान अपना प्रभाव और वर्चस्व बढ़ाने में लगे थे। जबकि, विरोधियों को यह नागवार गुजर रहा था। दूसरी ओर पड़ोसी प्रभु पासवान और योगी पासवान के बीच भूमि विवाद चल रहा था। जिसमें जमकर मारपीट हुई थी। योगी पासवान द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें पुलिस ने राम बालक पासवान और चितरंजन पासवान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दोनों की जमानत के लिए सोमवार को केश्वर पासवान और रामलाल पासवान कोर्ट गए थे। कोर्ट से गांव लौटने के क्रम में अपराधियों ने दोनों भाईयों की गोली मारकर हत्या कर दी।

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