यज्ञ सृष्टि का आधार है: रंगनाथाचार्य
यज्ञ से नारायण हैं और नारायण ही यज्ञ हैं। यज्ञ से जग का कल्याण होता है। यज्ञ सृष्टि का आधार है। बिना यज्ञ का किसी का कल्याण नहीं होता। उक्त बातें मंगलवार की रात्रि तरैया के वाईडीबीएस कॉलेज परिसर स्थित देवराहा बाबा के दरबार में आयोजित सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ के धर्म सम्मेलन मंच से पीठाधीश्वर रंगनाथाचार्य जी महाराज ने कही।
संवाद सूत्र, तरैया : यज्ञ से नारायण हैं और नारायण ही यज्ञ हैं। यज्ञ से जग का कल्याण होता है। यज्ञ सृष्टि का आधार है। बिना यज्ञ का किसी का कल्याण नहीं होता। उक्त बातें मंगलवार की रात्रि तरैया के वाईडीबीएस कॉलेज परिसर स्थित देवराहा बाबा के दरबार में आयोजित सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ के धर्म सम्मेलन मंच से पीठाधीश्वर रंगनाथाचार्य जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि परब्रह्म परमेश्वर का जन्म भी यज्ञ से हुआ। विवाह भी यज्ञ से हुआ। पढ़ाई भी यज्ञ से हुई। जीवन का अंतिम लक्ष्य यज्ञ ही है। यज्ञ सब कामनाओं की पूर्ति करती है। सात्विक यज्ञ, तामसी यज्ञ व राजसी यज्ञ तीन प्रकार के यज्ञ होते हैं। ऐसी चर्चा शास्त्रों में वर्णित है। इसमें सात्विक यज्ञ को सर्वोपरि बताया गया है। सत्य ही पृथ्वी का आधार है और इस यज्ञ में भारत के कोने-कोने से साधु संतों व महापुरुषों का पदार्पण हुआ है। तरैया क्षेत्र के लोग साधु संतों की वाणी को सुनकर धन्य हो रहे हैं। यज्ञ संयोजक स्वामी मधुसूदन आचार्य जी महाराज ने बताया कि 22 नवंबर को भारत के प्रसिद्ध संत लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज पधार रहे हैं और इस क्षेत्र के लोग उनकी पानी को सुनने के लिए आतुर हैं। मौके पर यज्ञ समिति के अध्यक्ष हरिशंकर ¨सह, देव कुमार ¨सह, सचिव कमला प्रसाद, राजू गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, चंदेश्वर राम, संरक्षक विरेंदर ¨सह, राम किशोर ¨सह, नंद किशोर ¨सह, भूषण ¨सह समेत अन्य लोग उपस्थित थे।