ना एेसा देखा ना ही एेसा सुना, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ इज्जतघर का उद्घाटन
सारण के सिताबदियारा के निवासी विश्राम पाण्डेय ने अपने नवनिर्मित शौचालय का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उद्घाटन किया। पहले तो लोग हंसे लेकिन बाद में सबने सराहना की।
सारण [जेएनएन]। आज के युग में लोग अपना मकान बनवाते है या कोई दुकान खोलते हैं तब वे विधिवत वैदिक मंत्रोंच्चार के साथ पूजा-पाठ कर उसका उद्घाटन कराते हैं, किंतु इज्जत घर (शौचालय) निर्माण के बाद यदि कोई व्यक्ति उसके उद्घाटन के लिए यह सब करें तो यह बात हर किसी के लिए थोड़ी अजीब जरूर हो जाती है।
जनपद के सिताबदियारा के निकट इब्राहिमाबाद नौबरार (अठगांवा) में विश्राम पाण्डेय ने कुछ ऐसा ही किया।
गुरुवार को सुबह ही गांव के मंजूर मियां अपनी सूचना देने वाले अंदाज में डंका बजाते हुए सार्वजनिक रूप से इस बात की सूचना दे रहे थे कि अठगांवा में विश्राम पांडेय के नव निर्मित शौचालय का उद्घाटन समारोह दिन के 11 बजे किया जाएगा।
यह सुन पहले तो सभी हंस रहे थे किंतु बाद में वे गंभीर होकर सोच भी रहे हैं। दिन के 11 बजे जब विश्राम पाण्डेय ने अपने नव निर्मित शौचालय का विधिवत वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा कराया और उसके बाद कारगिल शहीद अवनीश यादव के पिता शिवजी यादव के हाथों इज्जत घर का उद्घाटन कराया। तब लोगों को लगा कि विश्राम पाण्डेय ने जो किया ठीक किया।
यूं ही नहीं आया मन में यह विचार
इस संबंध में विश्राम पाण्डेय से पूछने पर बताया कि यह इच्छा मन में यूं ही नहीं आया। मैं हर दिन सोचता था कि इस धरती पर इज्जत घर से बड़ा और कोई घर नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को ध्यान में रख कर शौचालय को कितना सुंदर नाम दिया हैं, इज्जत घर।
फिर मेरे मन में भी यह ख्याल आया कि क्यों न अपने इज्जत घर का भी मै विधिवत उद्घाटन करा कर ही उसका उपयोग करूं। इससे समाज में भी जागरूकता आएगी और समाज के लोग भी यह जान पाएंगे कि आज के युग में इज्जत घर का क्या महत्व हैं। उन्होंने बताया कि दो इज्जत घर मैंने खुद के पैसा से बनवाया हैं। मेरा मानना है कि किसी भी घर में यदि यह इज्जत घर नहीं है तो उस घर की इज्जत भी नहीं है।