शहीद अरविन्द का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, अंतिम यात्रा में उमड़ी हजारों की भीड़
मुंबई में मंगलवार को नौसेना के युद्धपोत आइएनएस रणवीर में हुए ब्लास्ट में शहीद सारण के लाल नौसेना में मास्टर चीफ पेटी आफिसर के पद पर तैनात अरविन्द कुमार सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार की दोपहर में उनके पैतृक गांव मढ़ौरा (गौरा ओपी) के रसूलपुर सिसवां में पहुंचा।
संसू, मढ़ौरा : मुंबई में मंगलवार को नौसेना के युद्धपोत आइएनएस रणवीर में हुए ब्लास्ट में शहीद सारण के लाल नौसेना में मास्टर चीफ पेटी आफिसर के पद पर तैनात अरविन्द कुमार सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार की दोपहर में उनके पैतृक गांव मढ़ौरा (गौरा ओपी) के रसूलपुर सिसवां में पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने से घंटों पहले ही ग्रामीण, आसपास गाव के लोग उनके अंतिम दर्शन के लिये पहुंचे थे। शहीद जवान को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया की गई। इस दौरान युद्धपोत से नौसेना के वरीय अधिकारी भी पहुंचे थे और मिलिट्री कैम्प से जवान भी आये थे। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को परिजनों, ग्रामीणों व नौसेना के जवानों ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान जदयू के प्रदेश सचिव अल्ताफ आलम राजू, मुखिया पन्नालाल सिंह, पूर्व मुखिया अरविन्द कुमार सिंह, जिप प्रत्याशी मुन्ना कुमार सिंह,सहित अन्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की व परिजनों को सांत्वना दिया। उसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें मिलिट्री के जवानों ने कंधा लगाया, फिर अंतिम यात्रा में हजार की संख्या में लोग उमड़े थे। उनका अंतिम संस्कार रिविलगंज घाट पर किया गया, जहां उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया। अपने बेटे की अंतिम दर्शन को पहुंची माता जीरा देवी बार बार यही कह रही थी, कवना जतरे गईल ए बबुआ, की लौट के ना अईल। माता और पिता महात्मा सिंह बेटे के पार्थिव शरीर से लिपट कर बार बार यही कहते रहे की कवना जत्तरे गईल ए बबुआ। वहीं उनकी पत्नी बार बार बेहोश हो जा रही थी। वह अपनी बेटी दीपिका कुमारी 10 वर्ष और मोनाली कुमारी 5 वर्ष व लड़का दिव्यांक कुमार 7 वर्ष से लिपटकर बार बार विलाप कर रही थी। पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे जवानों ने शहीद की पत्नी को तिरंगा भेंट किया।