छपरा नगर निगम की मेयर बनीं सुनीता देवी
छपरा नगर के मेयर की कुर्सी पर वार्ड संख्या 23 की पार्षद सुनीता देवी ने कब्जा कर लिया।
छपरा। छपरा नगर के मेयर की कुर्सी पर वार्ड संख्या 23 की पार्षद सुनीता देवी ने कब्जा कर लिया। उन्होंने प्रतिद्वंद्वी एवं निर्वतमान मेयर प्रिया देवी को एक वोट से पीछे छोड़ दिया। सारण समाहरणालय में बुधवार को मेयर पद के लिए हुए चुनाव में 45 वार्ड पार्षदों में से 23 ने सुनीता देवी एवं 22 ने प्रिया देवी देवी के समर्थन में वोट किया। इस तरह से सुनीता देवी छपरा नगर निगम की दूसरी बार मेयर चुनी गई। इसके पूर्व वर्ष 2012 से 2017 तक सुनीता छपरा नगर परिषद की उपमुख्य पार्षद रह चुकी हैं।
मेयर के चुनाव को लेकर नामांकन जिला पंचायती राज पदाधिकारी मुरली प्रसाद सिंह की देखरेख में सुनीता देवी एवं प्रिया देवी ने किया। इसके बाद नामांकन पत्रों को संवीक्षा की गई। संवीक्षा के बाद किसी ने नाम वापस नहीं लिया तो मतदान हुआ। इसमें सुनीता देवी की जीत हुई। नवनिर्वाचित मेयर सुनीता देवी को जिलाधिकारी सुव्रत कुमार सेन ने प्रमाण पत्र दिया। चुनाव में ऑर्ब्जवर के रूप में सिवान के उपविकास आयुक्त अमित सिंह मौजूद थे।
सिर्फ एक वोट से सुनीता को मिली सत्ता
मेयर पद के लिए हुए चुनाव में 23 पार्षदों ने सुनीता देवी के समर्थन में और 22 ने प्रिया देवी देवी के समर्थन में वोट किया। इस तरह सिर्फ एक वोट से सुनीता को सत्ता मिल गई और प्रिया पीछे रह गई। मेयर चुनाव का परिणाम आने के बाद विपक्षी खेमा में मायूसी छा गई, जबकि सुनीता के समर्थकों ने बाहर निकलने पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। चुनाव जितने के बाद मेयर सुनीता देवी के समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया। मेयर के चुनाव में क्रॉस वोटिग की हो रही है चर्चा
मेयर के चुनाव खत्म होने के साथ ही क्रॉस वोटिग होने की चर्चा शुरू हो गई। क्योंकि वार्ड पार्षद सुनीता देवी के साथ 10:40 बजे एक साथ 25 वार्ड पार्षद सभागर में प्रवेश किए। उसके बाद तीन गाड़ियों के साथ 11:04 बजे प्रिया देवी के साथ तीन गाड़ियों में करीब 19 वार्ड पार्षद पहुंचे थे। पार्षद रामाकांत डब्लू व उदय प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना सिंह पैदल ही समाहरणालय सभागार में पहुंचे थे। इसके बाद भी सुनीता देवी को 23 वोट मिले। इसके बाद से दो लोगों के क्रॉस वोटिग करने की चर्चा शुरू हो गई है।
सुरक्षा को ले मजिस्ट्रेट व पुलिस के जवान थे तैनात
छपरा नगर निगम के मेयर के चुनाव के दौरान सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था थी। समाहरणालय कक्ष के पास पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट तैनात थे। छपरा सदर के अंचलाधिकारी सुरक्षा की निगरानी कर रहे थे ताकि चुनाव में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न घटे। चुनाव के दौरान सभागार के पास किसी को जाने नहीं दिया जा रहा था। सुरक्षा व्यवस्था का जायजा एसडीएम अरुण कुमार सिंह ले रहे थे। सुनीता के पति नन्हे राय ने बनाई थी रणनीति
सुनीता देवी को महापौर बनाने में उनके पति नन्हे राय की रणनीति सफल रही। पूर्व मेयर प्रिया देवी के खिलाफ अविश्वास का आवेदन देने के बाद से ही वार्ड पार्षदों के साथ भूमिगत हो गये थे। नगर निगम की राजनीति को नजदीक से जानने वाले की बात पर गौर करें तो सुनीता देवी के पति ने अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन देने के बाद ही अपने समर्थक वार्ड पार्षद को लेकर वारणासी चले गये थे। तब से ही वे वार्ड पार्षदों के साथ ही थे। जब 22 सितंबर को अविश्वास पर बहस था तब छपरा पहुंचे। मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद वे पुन: वार्ड पार्षदों को अपने साथ लेकर चले गए। बुधवार को मेयर चुनाव के दिन वार्ड पार्षदों को लेकर समहरणालय पहुंचे। इस दौरान करीब तीन महीने तक वार्ड पार्षदों का मोबाइल स्वीच ऑफ रहा। वहीं प्रिया देवी के पति मिटू सिंह भी कुर्सी बचाने में जुटे थे, लेकिन इस बार उनकी रणनीति सफल नहीं रही।
शहर के विकास को ले पार्षदों ने दिया है सहयोग : सुनीता
छपरा नगर निगम के मेयर बनने पर वार्ड पार्षद सुनीता देवी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सभी वार्ड पार्षदों को बधाई देना चाहती हूं। वे छपरा शहर के विकास के लिए मेरे साथ हैं। शहर के विकास के लिए मैं हमेशा पूरी ईमानदारी से कार्य करती रहूंगी। पक्ष एवं विपक्ष सभी पार्षद मेरे निगम प्रशासन के अंग हैं। वे सभी को समान भाव से देखती है। सभी वार्डो में समान रूप से विकास किया जाएगा। शहर को जलजमाव से मुक्ति के लिए विशेष कार्य किया जाएगा।
छपरा के विकास के लिए हमेशा करती रहूंगी काम : प्रिया
पूर्व मेयर प्रिया देवी ने चुनाव हारने के बाद कहां कि जीत-हार लगा रहता है। उन्होंने कहा कि छपरा के विकास के लिए हमेशा कार्य करती रहूंगी। छपरा के विकास के लिए बोर्ड में जो भी प्रस्ताव आएगा, सहयोग करूंगी। उन्होंने सुनीता देवी को मेयर बनने पर जीत की बधाई देते हुए कहा कि हम सब मिलकर शहर की बेहतरी के लिए कार्य करेंगे।