Move to Jagran APP

जेपीयू में पलायन, रोजगार सृजन व जैव विविधता पर होगा शोध

जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अब पुराने ढर्रे पर शोध कार्य नहीं होंगे। नये विषयों का चयन किया जाएगा। इसके लिए राजभवन ने भी निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 03:49 PM (IST)
जेपीयू में पलायन, रोजगार सृजन व जैव विविधता पर होगा शोध
जेपीयू में पलायन, रोजगार सृजन व जैव विविधता पर होगा शोध

जागरण संवाददाता, छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अब पुराने ढर्रे पर शोध कार्य नहीं होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन नए-नए विषयों के साथ ही ग्रामीण विकास व जैव विविधता समेत अन्य नवाचारी विषयों पर शोध कार्य करने की तैयार में जुट गया है। उसके लिए शोध उन्नयन प्रकोष्ठ गठित की गई है, ताकि शोध के कार्य का स्तर एवं गुणवत्ता बढ़ सके। उसके लिए राजभवन के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन एक्शन में आ गया है। अब शोध कार्य में पर्यावरण विज्ञान, जैव विविधता एवं ग्रामीण विकास जैसे विषयों की प्रमुखता दी जाएगी। शोधार्थियों को किया जाएगा प्रोत्साहित :

loksabha election banner

उसके लिए शिक्षक व साथ ही शोधर्थियों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे लिक से हटकर कार्य कर सकें। शोध कार्य में पृथ्वी पर विद्यमान समस्त पेड़-पौधे, जीव-जंतु, कीट-पतंग, नभचर- जलचर जैव विविधता को शामिल करने पर फोकस करने का निर्णय लिया गया है। वैसे भारत में प्राचीनकाल से जैवविविधता संरक्षण को महत्व दिया जाता रहा है। मसलन बरगद, पीपल, नीम के पेड़, नदी, कुआं एवं तालाब को धार्मिक प्रयोजन से संरक्षित किया जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है, जबकि जैव विविधता जीवन का आधार है। कई वजहों से इसमें लगातार कमी आ रही है। इनके महत्व के मद्देनजर इनका संरक्षण-संव‌र्द्धन बहुत जरूरी है। इन विषयों पर शोध कार्य होने में आम लोंगों में जागरूकता आएगी।

पलायन एवं रोजगार सृजन आदि विषयों को शोध कार्य

ग्रामीण विकास, पर्यावरण व पलायन एवं रोजगार सृजन आदि विषयों को शोध कार्य में जगह देने के लिए योजना बनाई जा रही है। साहित्यक विषयों में नए- नए विषयों के चयन पर जोर देने को कहा गया है, ताकि शोध कार्य से समाज को लाभ हो सके। हालांकि विश्वविद्यालय में नए-नए विषयों पर शोध कार्य करने के लिए विवि स्तर पर आधारभूत संरचना को विकसित करना होगा। विश्वविद्यालय के लैब व लाइब्रेरी को आधुनिक तकनीक से लैस करना होगा, ताकि जैव विविधता पर शोध कार्य करने वाले शोधार्थियों को संसाधन मिल सके।

-------------

प्राचार्य व शिक्षक कर रहे हैं सराहना

नंदलाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य एवं रसायन शास्त्र विभाग के प्राध्यापक डा. केपी श्रीवास्तव कहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शोध कार्य के लिए माहौल बनाने का प्रयास शुरू किया है। यहां से भी राष्ट्रीय स्तर के शोध कार्य हो सकते है। पीजी वनस्पति शास्त्र के प्राध्यापक डा. राणा विक्रम सिंह ने कहा कि उसके लिए शोधार्थियों को नए विषय पर शोध करने के लिए जागरूक करना होगा। साथ ही शोधार्थियों को आधुनिक लैब की सुविधा देनी होगी। विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में प्रयास कर रहा है। इसका सार्थक परिणाम निकलने की संभावना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.