उत्क्रमित उच्च विद्यालय मदनसाठ में जमीन पर बैठक कर दी प्रायोगिक परीक्षा
मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा में कुव्यवस्था का आलम यह कि मांझी प्रखंड के उत्क्रमित उच विद्यालय मदनसाठ में बचों को जमीन पर बैठा कर प्रायोगिक परीक्षा ली गई। बचों द्वारा जमीन पर बैठने में आनाकानी करने पर गुरुजी ने कहा जमीन पर बैठकर परीक्षा दें हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है। प्रायोगिक परीक्षा को लेकर सुबह नौ बजे विद्यालय पर छात्र पहुंच चुके थे।
संसू, दाउदपुर : मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा में कुव्यवस्था का आलम यह कि मांझी प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मदनसाठ में बच्चों को जमीन पर बैठा कर प्रायोगिक परीक्षा ली गई। बच्चों द्वारा जमीन पर बैठने में आनाकानी करने पर गुरुजी ने कहा जमीन पर बैठकर परीक्षा दें, हमारे पास कोई व्यवस्था नहीं है। प्रायोगिक परीक्षा को लेकर सुबह नौ बजे विद्यालय पर छात्र पहुंच चुके थे। 10:35 बजे एक सहायक शिक्षक पहुंचे उसके कुछ देर बाद दूसरे भी पहुंच गए , लेकिन विद्यालय खोलने के लिए उनके पास चाबी नहीं थी। बगल में चाबी मिलने पर विद्यालय को खोला गया। छात्रों ने परीक्षा के लिए दबाव बनाया। वहीं गुरुजी प्रधानाध्यापक के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन छात्रों के दबाव पर गुरु जी परीक्षा लेने के लिए तैयार हो गए । 10 जोड़ी बेंच और 82 परीक्षार्थी थे। एक बेंच पर पांच छात्र को बैठाया गया। बाकी परीक्षार्थी को जमीन पर बैठने के लिए दबाव देने पर किसी तरह छात्र बैठकर परीक्षा दिए । कुछ देर बैठने के बाद छात्रों ने हंगामा भी किया। लेकिन उनका समस्या कोई सुनने वाला नहीं था। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि विद्यालय की कार्यशैली ठीक नही है। विद्यालय के सचिव भी विद्यालय के कार्यशैली से हैरान हैं। प्राचार्य धनेश्वर महतो ने कहा कि हमारे पास बेंच का अभाव है। इसलिए जमीन पर बैठाकर परीक्षा का कोरम पूरा करना पड़ता है। वही लेट आने की बात पर कहा कि छपरा से आना पड़ता है।
मांझी के बीईओ ने कहा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को कोरोना गाइडलाइन दिया गया है। यह गलत है कि छात्रों को नीचे बैठा कर परीक्षा ली जा रही है।