छपरा सांसद की एंबुलेंस पर छिड़ा सियासी संग्राम
सांसद राजीव प्रताप रूडी के सांसद मद से खरीदी गई एंबुलेंस की उपयोगिता व अनुपयोगिता को लेकर छिड़े सियासी संग्राम की लौ अबतक बूझी नहीं है। कोरोना काल में पिछले तीन दिन से चल रहे इस सियासी घमासान में सांसद समर्थकों व उनके विरोधियों के बीच ठनी हुई है। दोनों पक्षों की जुबानी जंग पूरे शबाब पर है।
सारण। सांसद राजीव प्रताप रूडी के सांसद मद से खरीदी गई एंबुलेंस की उपयोगिता व अनुपयोगिता को लेकर छिड़े सियासी संग्राम की लौ अबतक बूझी नहीं है। कोरोना काल में पिछले तीन दिन से चल रहे इस सियासी घमासान में सांसद समर्थकों व उनके विरोधियों के बीच ठनी हुई है। दोनों पक्षों की जुबानी जंग पूरे शबाब पर है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक बयानबाजी चल रही है। सांसद के विरोधी लगातार उनपर सवाल उठा रहे हैं तो समर्थक उनके पक्ष में बातें रख रहे हैं। विपक्ष का अधिकतर प्रहार कोरोना काल में सरकारी एंबुलेंस को छुपा कर खड़ा रखने को लेकर हो रहा है। वहीं सांसद पक्ष से चालक की कमी का अभी भी हवाला दिया जा रहा है। रातोंरात सामुदायिक केंद्र परिसर से हट गई एंबुलेंस जाप प्रमुख शुक्रवार को जब अमनौर के विश्व प्रभा सामुदायिक भवन में पहुंचे थे तो वहां खड़ी एंबुलेंस की संख्या 30 के आसपास बतायी गई थी। लेकिन दूसरे दिन जब मढ़ौरा डीएसपी स्थल निरीक्षण को पहुंचे तो वहां केवल आठ एंबुलेंस खड़ी थीं। रविवार को भी सामुदायिक भवन परिसर में आठ एम्बुलेंस ही खड़ी थी। इनमें से अधिकतर एंबुलेंस खराब बतायी जा रही थी। अब सांसद के विरोधी इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। उनका कहना है कि रातोंरात सामुदायिक भवन परिसर से एंबुलेंस को हटा कर कहां भेज दिया गया, यह सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को बताना चाहिए। यहां से एंबुलेंस को किसी हॉस्पिटल में भेजा गया या फिर उनका स्वयं संचालन कराया जा रहा है। अगर नहीं ंतो यहां से हटा कर एंबुलेंस को कहीं अन्य जगह छुपाने के पीछे क्या मंशा है। वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र को लेकर भी उठे प्रश्न सांसद के कौशल उन्नयन केंद्रीय मंत्री रहते हुए उनके मंत्रालय के माध्यम से नगरा प्रखंड के अफौर में शुरू किये गये वाहन चालक प्रशिक्षण केंद्र को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। राजद के जिलाध्यक्ष सुनील राय सहित अन्य नेताओं ने कहा है कि सांसद ने जिन चालकों को प्रशिक्षित किया, वे आखिर कहां चले गये कि उन्हें एंबुलेंस चलाने के लिए चालक नहीं मिल रहे हैं। पूर्व सांसद पप्पू यादव के आने के एक दिन पूर्व की तिथि में डीएम को चालक की किल्लत से एंबुलेंस संचालन की दिक्कत से संबंधित पत्र पर भी विरोधी तीखे सवाल दाग रहे हैं। विश्वप्रभा सामुदायिक केंद्र भी अब सवालों के घेरे में अमनौर कल्याण पंचायत के खोड़ी पाकड़ गोविद गांव स्थित सरकारी सामुदायिक भवन भी अब सवालों के घेरे में आ गया है। पप्पू यादव ने सवाल उठाया है कि जब सरकार के करीब नौ करोड़ रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण अस्पताल खोलने के लिए कराया गया तो वह क्यों नहीं खुला। सरकारी राशि से उनकी निजी जमीन पर बने भवन पर कब्जा को लेकर पूर्व सांसद ने सवाल उठाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।