छपरा सदर अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध है बेड व ऑक्सीजन
सदर अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त बेड एवं ऑक्सीजन सिलेंडर है इसकी कमी नहीं है। मरीजों के ठीक होने की संख्या आंकड़ों में भी सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमित मरीजों को तीन श्रेणी में बांटकर उपचार कर रहा है। जिसमें मरी•ाों को माइल्ड (हल्के लक्षण) मॉडरेट (मध्यम लक्षण) और सीवर (गंभीर लक्षण) की श्रेणी में बांटा गया है ताकि उनका उपचार करने में दिक्कत न हो।
सारण। सदर अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त बेड एवं ऑक्सीजन सिलेंडर है, इसकी कमी नहीं है। मरीजों के ठीक होने की संख्या आंकड़ों में भी सुधार हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमित मरीजों को तीन श्रेणी में बांटकर उपचार कर रहा है। जिसमें मरी•ाों को माइल्ड (हल्के लक्षण), मॉडरेट (मध्यम लक्षण), और सीवर (गंभीर लक्षण) की श्रेणी में बांटा गया है, ताकि उनका उपचार करने में दिक्कत न हो। इसी आधार पर व्यवस्था की गई है। सदर अस्पताल में डेडिकेडेट केविड सेंटर एवं कोविड अस्पताल बनाया गया है। जहां कोरेाना मरीजों का उपचार किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जिले में अधिक माइल्ड (हल्के लक्ष्ण) वाले मरीज है। जिनका उपचार होम आइसोलेशन में हो रहा है, उनसे अस्पताल प्रशासन संपर्क में है, जो ठीक भी हो रहे हैं। सारण में कोरोना के 3883 एक्टिव केस है, जिसमें 3631 होम आइसोलेशन में उपचार करा रहे हैं। होम आइसोलेशन में उपचाररत लोग को अगर ऑक्सीजन लेबल की कमी महसूस हो तो अस्पताल के कंट्रोल रूम नंबर 06152-245023 पर डायल कर सीधे अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। अस्पताल से एंबुलेंस जाकर मरीज को ले आएगा। हालांकि अभी अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं उपलब्ध नहीं हो सका है। डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती हैं 99 मरीज :
छपरा सदर अस्पताल के जीएनएम स्कूल में बने डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 200 बेड है। वहां अभी मात्र 99 मरीज भर्ती हैं। उसके अलावा डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में 200 बेड लगा है। वहीं सोनपुर कोविड केयर सेंटर में 75 बेड है। यहां पर ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। जिसमें छह आइसीयू है। उसके अलावा छपरा जंक्शन पर रेल प्रशासन ने 12 कोच का अस्थायी कोविड केयर सेंटर बनाया है। यहां पर 160 बेड है। उसके अलावा स्पर्श हॉस्पिटल में कोविड मरीजों के लिए 12 आइसीयू वाला बेड है। उसके साथ ही मढ़ौरा के एएनएम स्कूल में जरूरत पड़ने पर कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन सुकुमार ने बताया कि अस्पताल में बेड व ऑक्सीजन उपलब्ध है, मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत भी बढ़ रहा है।
इनसेट :
कोविड मरी•ाों की तीन श्रेणियों में बांट कर किया जा रहा उपचार : -माइल्ड मामले : जिन मामलों में बुखार /या फ्लू जैसे लक्षण जुकाम, खांसी आदि हो। -मॉडरेट मामले : निमोनिया हो लेकिन गंभीर बीमारी के लक्षण न हो, श्वसन दर 15 से 30 प्रति मिनट यानी आप एक मिनट में 15 से 30 बार सांस ले रहे हों। -सीवर मामले : गंभीर निमोनिया या एआरडीएस या सेप्टिक शॉक हो और श्वसन दर प्रति मिनट 30 या उससे ज्यादा हो। इनसेट :
स्वास्थ्य सेवा को भी तीन श्रेणियों में रखा गया है :
-कोविड केयर सेंटर : अगर किसी को माइल्ड यानी हल्के -फुल्के लक्षण है तो उसमें संदिग्ध और संक्रमित दोनों तरह के मरीजों का कोविड केयर सेंटर में उपचार किया जा रहा है। यहां पर बेसिक लाइफ सपोर्ट, एंबुलेंस चौबीस घंटे उपलब्ध रखना है। ताकि किसी मरीज को गंभीर स्थित होने पर उसे बेहतर उपचार के लिए दूसरे सेंटर पर भेजा जा सके। - डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर(डीसीएचसी) : यहां पर मॉॅडरेट यानी न हल्के लक्षण और ना अति गंभीर ऐसे संक्रमित एवं संदिग्ध मरीजों का उपचार किया जाता है। यहां ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड मौजूद रहेंगे। -डेडिकेटेड कोविड अस्पताल (डीडीएच) : यहां कोरोना के गंभीर मरीजों का उपचार किया जाता है। उसमें संक्रमित और संदिग्ध दोनों तरह के मरीज को भर्ती किया जाता है, जिन्हें अलग - अगल रखा जाता है। यहां पर आइसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सपोर्ट बेड होते हैं।