थमने का नाम नहीं ले रहा फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल शिक्षकों का मामला
सारण। फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों के पकड़े जाने तथा उनपर प्राथमिकी दर्ज हो
सारण। फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों के पकड़े जाने तथा उनपर प्राथमिकी दर्ज होने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अबतक कई पंचायतों में फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल शिक्षक पकड़े जा चुके हैं तो वहीं जजौली पंचायत में फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर बहाल एक शिक्षिका ने त्यागपत्र दे दिया है। सेमरी, खजुरी, जजौली एवं मदारपुर पंचायत में तो फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों पर प्रशासन की गाज गिर गयी, लेकिन क्षेत्र में अभी भी फर्जी प्रमाण पत्र व फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर कई शिक्षक कार्यरत हैं। बताते चलें कि शिक्षक नियोजन नियमावली 2012 में स्पष्ट तौर पर दिशा निर्देश है कि शिक्षक के पद पर बहाली के समय टीईटी का मूल प्रमाण पत्र नियोजन के समय जमा करना है। जांचोपरांत ही बहाल शिक्षक का वेतन भुगतान किया जायेगा। बावजूद इसके नियोजन इकाई द्वारा नियम व दिशा निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए मोटी लेनदेन कर जाली प्रमाण पत्रों पर शिक्षक नियोजन कर लिया गया है। लोगों में चर्चा होने लगी है कि नियम व दिशा निर्देश की धज्जियां उड़ाने वालों पर प्रशासन द्वारा क्यों नहीं कार्रवाई की जाती है। यह भी चर्चा हो रही है कि बीडीओ द्वारा बार-बार जांच कर फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई को पंचायत सचिव को आदेश दिया जाता रहा। बावजूद अबतक किसी पर भी थाने में पंचायत सचिवों द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है। बीडीओ हरिमोहन कुमार ने सेमरी पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय शिवरी के नियोजित शिक्षक जितेन्द्र कुमार का नियोजन रद कर उनपर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश पंचायत सचिव को दिया है। इसके पूर्व मदारपुर पंचायत में फर्जी टीईटी पर बहाल शिक्षक पर प्राथमिकी का आदेश पंचायत सचिव पर दिया गया था। खजूरी पंचायत में सात फर्जी टीईटी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक का नियोजन रद किया गया है। जबकि जजौली में एक शिक्षिका ने जांच के दौरान शिक्षिका पद से इस्तीफा दे दिया था। बहरहाल, फर्जी शिक्षिका पर क्या कार्रवाई होती है, थाने में कब प्राथमिकी दर्ज हो रही है, को ले लोगो में चर्चा चल रही है।