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छपरा में नहीं है जनऔषधि केंद्र

छपरा सदर अस्पताल में पिछले चार साल से प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खुलने की प्रक्रिया में है जो अभी तक नहीं खुल सका। जिसके कारण गरीबों को कम मूल्य में दवा उपलब्ध कराने की योजना अभी फाइलों में ही दबी है। जिला स्वास्थ्य समिति से लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति तक निविदा की प्रक्रिया फाइलों में दौड़ लगा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 10:27 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 10:27 PM (IST)
छपरा में नहीं है जनऔषधि केंद्र
छपरा में नहीं है जनऔषधि केंद्र

सारण। छपरा सदर अस्पताल में पिछले चार साल से प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खुलने की प्रक्रिया में है, जो अभी तक नहीं खुल सका। जिसके कारण गरीबों को कम मूल्य में दवा उपलब्ध कराने की योजना अभी फाइलों में ही दबी है। जिला स्वास्थ्य समिति से लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति तक निविदा की प्रक्रिया फाइलों में दौड़ लगा रही है। जिसके कारण गरीबों को वैश्विक महामारी कोरोना में जो दवा चिकित्सक लिख रहे हैं। वह उन्हें बाजारों से ही खरीदनी पड़ा रही है। वैसे छपरा के दवा मंडी में कोरोना में बीमारी में चलने वाली दवा की उपलब्धता बहुत कम है। वैसे यहां रेमडेसिविर अप्रैल के प्रथम सप्ताह से ही आउट आफ मार्केट है। यहां के विद फार्म, नेशनल फार्म आदि दुकानों में रेमडेसिविर बिकता था, लेकिन पटना के स्टॉकिस्ट के यहां से ही दवा नहीं मिल रही है। दुकानदारों का कहना है कि इस दवा को खोजने के लिए यहां पटना, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी एवं उत्तर प्रदेश के बलिया, देवरिया, बस्ती, गोरखपुर से लोग आ रहे थे। उसके अलावा मेथिपेडियाओलिन इंजेक्शन व दवा भी बाजारों में नहीं है। कोरोना की यह दवा बाजारों में नहीं है :

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छपरा शहर के दवा मंडी में कोरोना बीमारी में जो दवा चलाया जा रहा है। वह आउट आफ मार्केट है। बाजार में रेमडेसिविर इंजेक्शन, मेथिलप्रेडनिसोलोन इंजेक्शन/ टेबलेट, मेरोपेनम वेल, ऑक्सीजन पाइप, सेफ्ट्रिक्सोनवेल, पोपटैन, एनोक्सिप्रिन एवं तजोबाटम व ऑक्सजीन किट बाजारों में नहीं मिल रहा है। यहां के श्रीनंदन पथ स्थित थोक दवा मंडी में इन दवाओं के थोक विक्रेताओं का कहना है कि पटना से ही सप्लाई नहीं हो रही है। जिसके कारण यह दवा यहां नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि वैसे यहां के चिकित्सक यह दवा मरीजों को बहुत कम लिख रहे है। उसे खोजने के लिए उत्तर प्रदेश एवं मुजफ्फरपुर, बेतिया एवं मोतिहारी के लोग ज्यादा आ रहे है। ऑक्सीमीटर, भाप मशीन व बीपी मशीन की है कमी

यहां के दवा मंडी में अप्रैल के महीने में ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, भाप मशीन व बीपी मशीन की कमी है। ये सभी लोकल कंपनी के तो मिल रहे हैं लेकिन यह सब अब भी ब्रांडेड कंपनी का उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण उसे चाइनीज एवं अन्य दूसरे ब्रांडेड का खरीदना पड़ रहा है। विटामिन सी, विटामिन बी व जिक टेबलट है बाजारों में :

छपरा के बाजारों में विटामिन सी, विटामिन बी, डॉक्सीसाइक्लिन, अजिथोमायसिन , जिक टेबलट, बीटाडीन गार्गल, पैरासिटामोल, हैंड सैनिटाइजर, गल्व्स एवं मास्क की कोई कमी नही है। बाजारों यह प्रचुरमात्रा में उपलब्ध है। यह सब दवा खुदरा दुकानों में मिल रही है। बिहार सेल्स रिप्रजेंटेटिव एसोसिएशन छपरा के पदाधिकारी पवन ओझा ने बताया कि वे लोग पटना के स्टॉकिस्ट एवं दवा कंपनियों के पदाधिकारियों से दवा यहां उपलब्ध कराने में जुटे है। पार्वती मेडिकल हॉल के मनोज कुमार शर्मा एवं अम्बिका मेडिका के रवि कुमार कहते है कि विटामिन, सी, बी, जिक की बिक्री बहुत हो रही है। क्या है पीएम जन औषधि केंद्र :

छपरा : प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जुलाई 2015 को की थी। जिसके तहत सरकार गुणवत्ता वाली जैनरिक दवाइयों को बाजार से कम मूल्य में लोगों को देती है। उसके लिए सभी सरकारी अस्पताल के अलावा अन्य जगहों पर जन औषधि केंद्र बनाने की योजना थी। इस योजना के तहत आम आदमी को बाजार से 60 -70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया करानी थी। लेकिन छपरा में अभी तक जन औषधि केंद्र खुला ही नहीं। जिसके कारण यहां के गरीबों को सस्ती दवा नहीं मिल पा रही है।


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