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जिले की दवा दुकानों में लटके ताले, मरीज रहे परेशान

छपरा। फार्मासिस्ट मुद्दे को लेकर बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर दवा दुकानें बंद रही। जिले के दवा 1561 दुकानों में बुधवार से ताला लटक गया है जिसमें थोक 482 खुदरा 415 थोक- सह खुदरा 13 प्रतिबंधित 551 दुकान शामिल हैं। इस वजह से मरीजों को जीवन रक्षक दवाएं भी मिलना मुश्किल हो रही है। हड़ताल के कारण करीब दो करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अभिषेक कुमार सचिव ज्ञानेश्वर सुभाष कुमार मिक्कू कुमार ने बताया कि हड़ताल के पहले भी आम लोगों को आगाह किया गया था कि जीवन रक्षक दवाएं खरीदकर पास रख लें ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:29 PM (IST)
जिले की दवा दुकानों में लटके ताले, मरीज रहे परेशान
जिले की दवा दुकानों में लटके ताले, मरीज रहे परेशान

छपरा। फार्मासिस्ट मुद्दे को लेकर बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर दवा दुकानें बंद रही। जिले के दवा 1561 दुकानों में बुधवार से ताला लटक गया है, जिसमें थोक 482 , खुदरा 415, थोक- सह खुदरा 13, प्रतिबंधित 551 दुकान शामिल हैं। इस वजह से मरीजों को जीवन रक्षक दवाएं भी मिलना मुश्किल हो रही है। हड़ताल के कारण करीब दो करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अभिषेक कुमार, सचिव ज्ञानेश्वर, सुभाष कुमार, मिक्कू कुमार ने बताया कि हड़ताल के पहले भी आम लोगों को आगाह किया गया था कि जीवन रक्षक दवाएं खरीदकर पास रख लें । दवा दुकानदारों की हड़ताल उनके जीवन मरण से संबंधित है। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण दवा दुकानदार काफी परेशान है। यही वजह है कि थोक व खुदरा दवा दुकानदारों को अपनी-अपनी दुकानें बंद कर विरोध का इजहार करना पड़ रहा है । इन नेताओं ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो लंबे हड़ताल की बात एसोसिएशन सोच सकती।उन्होंने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों व ग्रामीण इलाकों में एक-एक दवा दुकानें बंद है। इससे साफ जाहिर है कि सरकार की नीतियों से दवा दुकानदार कितने परेशान हैं। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र के ड्रग इंस्पेक्टर को जीवन रक्षक दवाओं की व्यवस्था के निर्देश दिए गए थे, बावजूद इसके जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार तक सभी दवा दुकानें बंद रहेगी । इसके जो भी परिणाम होंगे, उसकी सारी जिम्मेदारी सरकार को ही लेना होगा। दवा दुकानदारों ने दवा दुकानों को बंद कराने को पेट्रोलिग गाड़ियां भी निकाली, जिस पर सवार संघ के नेतागण घूम - घूम कर दवा दुकानों की बंद का रिपोर्ट अपने मुख्यालय में कर रहे हैं। इतना जरूर है कि दवा दुकानों की बंदी के कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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प्रशासन का दावा: खुली है यह दुकानें

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए दवा दुकानों को खोलने का निर्देश दिया गया है। अस्पताल के सामने जिला स्कूल परिसर की चार दुकानों को खोलने का आदेश जारी किया गया है। जिसमें प्रकाश मेडिकल हॉल, कुमार मेडिकल हॉल, प्रभात मेडिकल हॉल एवं चंदेल मेडिकल हॉल शामिल है। वहीं शहर के साहेबगंज स्थित राजन मेडिकल को भी खोले जाने का मौखिक आदेश दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर रमेश कुमार प्रेमी एवं शशि कुमार ने बताया कि अस्पताल के सामने सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं, जिसको लेकर शहर के मध्य साहेबगंज स्थित राजन मेडिकल उनको भी खोलने का मौखिक आदेश दिया गया है, ताकि आवश्यकतानुसार मरीजों को अभी दवाई उपलब्ध हो सके।

ग्रामीण इलाकों में भी खुली रही दवा दुकानें

परसा प्रखंड में न्यू ग्रीन मेडिकल, अमित फार्मास्यूटिकल एवं गुप्ता मेडिकल हॉल, भेल्दी तथा

अमनौर प्रखंड में ठाकुर मेडिकल हॉल एवं जगदंबा मेडिकल हॉल, मढौरा प्रखंड में उमेश मेडिकल स्टोर एवं नवाब मेडिकल हॉल, तरैया प्रखंड में भूषण ड्रग ट्रेडर्स एवं शिवम फार्मा ट्रेडर्स, दिघवारा प्रखंड में न्यू विजय मेडिकल हॉल एवं न्यू प्रभात मेडिकल हॉल, गरखा प्रखंड में न्यू मेडिकल हॉल एवं न्यू पूजा मेडिकल हॉल, पानापुर प्रखंड में बीके मेडिकल हॉल एवं सिंह मेडिकल हॉल तथा मकेर प्रखंड में नेपाल मेडिकल हॉल एवं ठाकुर मेडिकल हॉल शामिल हैं।


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