शहरी क्षेत्र में केरोसिन का कोटा खत्म होने से गरीब बेहाल
सारण। केरोसिन का कोटा शहरी क्षेत्रों मे बंद होने से शहरी क्षेत्र के छात्रों व गरीब मजदूरों को अब अंध
सारण। केरोसिन का कोटा शहरी क्षेत्रों मे बंद होने से शहरी क्षेत्र के छात्रों व गरीब मजदूरों को अब अंधेरे में न सिर्फ रात गुजारनी पड़ रही है बल्कि अन्य समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है। बता दें कि बिजली की अघोषित कटौती व केरोसिन की बंद हुई आपूर्ति से छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। जबकि मैट्रिक व इंटर की परीक्षा सिर पर है। दिघवारा शहरी फीडर में तो वर्तमान समय में कई किस्तों मे बिजली काटी जा रही है। कुल मिलाकर 10 से 12 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही। छात्र राहुल कुमार, मनीष, संजीव आदि ने बताया कि खाना खाने के बाद रात 10 बजे पढने बैठते है कि 11 बजे बिजली कट जाती है। ठंड व कुहासे के इस मौसम मे अंधेरे में ही सब काम निपटाना पड़ता है। केरोसीन भी नही मिल रहा कि घर मे काम चलाया जा सके।
मालूम हो कि बीते नवंबर माह से शहरी क्षेत्र का केरोसिन का कोटा सरकार ने बंद कर दिया है। केरोसिन का कोटा बंद होने से दिघवारा नगर पंचायत क्षेत्र के उपभोक्ताओं में जहां रोष देखा जा रहा हैं वहीं डीलरों का हाल बेहाल है। राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत एपीएल एवं बीपीएल कार्डधारकों को सस्ते दर पर मिलने वाला केरोसिन शहरी क्षेत्र के लाभुकों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र के लाभुकों को इसके पूर्व एक लीटर केरोसिन दिया जाता था। नवंबर महीने से वह भी बंद हो गया। सरकार के निर्देश के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में एपीएल एवं बीपीएल परिवार के लाभुकों के बीच ठेला वेंडर के माध्यम से केरोसिन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लाभुकों को आधार कार्ड एवं बैंक अकाउंट की छायाप्रति ठेला भेंडर को उपलब्ध कराना होगा। बहरहाल, ग्रामीण क्षेत्र में ठेला वेंडर कार्यरत नहीं होने से फिलहाल शहरी क्षेत्र के ठेला वेंडर से केरोसिन वितरण कराने की बात बताई जा रही हैं।