Move to Jagran APP

कालाजार के रोगियों का उपचार कराने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि : सिविल सर्जन

छपरा। कालाजार मरीजों को उपचार कराने पर सरकार की ओर से 7100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी और सभी तरह की जांच व इलाज की निशुल्क सुविधा मिलेगी। उक्त बातें सिविल सर्जन डा माधवेश्वर झा ने जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में सोमवार को कहीं। उन्होंने कहा कि कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत 27 जनवरी से 4 फरवरी तक आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण करेंगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 06:12 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:17 AM (IST)
कालाजार के रोगियों का उपचार कराने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि : सिविल सर्जन
कालाजार के रोगियों का उपचार कराने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि : सिविल सर्जन

छपरा। कालाजार मरीजों को उपचार कराने पर सरकार की ओर से 7100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी और सभी तरह की जांच व इलाज की निशुल्क सुविधा मिलेगी। उक्त बातें सिविल सर्जन डा माधवेश्वर झा ने जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में सोमवार को कहीं। उन्होंने कहा कि कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत 27 जनवरी से 4 फरवरी तक आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण करेंगी। इस दौरान जिन व्यक्तियों को दो सप्ताह से अधिक समय से बुखार रह रहा हो, वजन लगातार कम हो रहा हो, भूख नहीं लगती हो या चर्म कालाजार रोगी (जैसे सूखी सिहूली आदि) मरीजों को संबंधित पीएचसी में लाकर उनके कालाजार की जांच की जायेगी। अगर वह कालाजार से ग्रसित पाए जाते हैं तो, उनका संपूर्ण उपचार किया जाएगा। इलाज के पूरा हो जाने पर उन्हें 7100 की राशि भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत नजदीकी अस्पताल या प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजना चाहिए। कालाजार से प्रभावित, जो मरीज ठीक हो चुके होते हैं, उनकी 6 माह तक निगरानी बेहद जरूरी है। मादा बालू मक्खी ऐसे स्थानों पर अंडे देती हैं, जो छायादार, नमीयुक्त तथा जैविक पदार्थ से परिपूर्ण हों, जिन घरों में बालू मक्खियां पाई जाती है, उन घरों में कालाजार के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। बालू मक्खी कम रोशनी वाली और नमी वाले जगहों, मिट्टी की दीवारों के दरारों, कम मिट्टी, जिसमें बहुत से जैविक तत्व और उच्च भूमिगत जल स्तर हो, आदि में पनपती है।

loksabha election banner

निर्धारित फॉर्मेट में होगा सर्वेक्षण

मरीजों की पहचान के लिए आशा कार्यकर्ताओं को एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया गया है, जिसे लेकर वे घर-घर जायेंगी और निर्धारित सवाल का जवाब लेकर उस फार्मेट में भरेंगी। आशा अपने पोषण क्षेत्र के प्रत्येक घरों का सर्वेक्षण कर कालाजार मरीजों की पहचान करेंगी और कालाजार मरीज मिलने पर उसे तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करायेंगी। यह अभियान एक सप्ताह तक चलेगा। सर्वे रिपोर्ट प्रतिदिन आशा फैसलिटेटर को सौंपेंगी और आशा फैसलिटेटर वह रिपोर्ट प्रखंड मुख्यालय को भेजेंगी। उन्होंने सभी बीसीएम को निर्देश दिया कि कालाजार मरीजों की खोज अभियान में आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग करें। अभियान को हर हाल में सफल बनाना है। आशा कार्यकर्ताओं को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण देकर उन्हे ट्रेंड करें, ताकि अधिक से अधिक कालाजार मरीजों की पहचान की जा सके। इस मौके पर डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेशचन्द्र कुमार, भीबीडीसी सुधीर कुमार, केयर डीपीओ भीएल आदित्य कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार, डीएमएनई भानू शर्मा समेत सभी प्रखंडों के बीसीएम शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.