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गंडक के कटाव से नदी में समा गए दर्जनों घर, तटबंध की ओर बढ़ रहा दबाव

हाल के वर्षो में पानापुर प्रखंड क्षेत्र में गंडक नदी ने अपने प्रवाह का मार्ग बदल लिया है। जल प्रवाह का मार्ग बदलने के कारण नदी के तटीय इलाकों में तेजी के साथ कटाव होते जा रहा है । जिससे अबतक उन इलाकों के दर्जनों घर नदी में समा गए है । वही सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि व पेड़ पौधे बर्बाद हो गए। पूर्व में जो कटावरोधी कार्य कराया गया था वह कटाव रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 10:49 PM (IST)
गंडक के कटाव से नदी में समा गए दर्जनों घर, तटबंध की ओर बढ़ रहा दबाव
गंडक के कटाव से नदी में समा गए दर्जनों घर, तटबंध की ओर बढ़ रहा दबाव

सारण । हाल के वर्षो में पानापुर प्रखंड क्षेत्र में गंडक नदी ने अपने प्रवाह का मार्ग बदल लिया है। जल प्रवाह का मार्ग बदलने के कारण नदी के तटीय इलाकों में तेजी के साथ कटाव होते जा रहा है । जिससे अबतक उन इलाकों के दर्जनों घर नदी में समा गए है । वही सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि व पेड़ पौधे बर्बाद हो गए। पूर्व में जो कटावरोधी कार्य कराया गया था वह कटाव रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। गंडक नदी के कटाव के कारण आधे दर्जन गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जिनमें तटीय इलाके में बसे पृथ्वीपुर, सोनबरसा, सलेमपुर, बसहियां, उभवां सरौजा तथा भगवानपुर गांव शामिल है। जहां नदी का कटाव जारी है। बीते बरसात के दौरान हुए कटाव के कारण तुफानी राय, मौजूलाल राय,घनश्याम राय,कन्हैया राय,शंकर राय,विरेंद्र राय,रामईश्वर राय हीरा राय सहित कई अन्य लोगों का घर नदी की धारा में समा गया ।समय रहते समस्या का समाधान नही हुआ तो सैकड़ों घरों पर खतरे की तलवार लटक गई है। आने वाले दिनों में ये सभी घर नदी में समा जाएंगें। क्या है समस्या और कैसे होगा निदान गंडक नदी में हो रहा कटाव बड़ी समस्या है। वैसे तो दशकों से बाढ़ व कटाव की समस्या उत्पन्न होते रहती थी । जिसका इसका असर सीमित हिस्सों में देखा जाता था। लेकिन हाल के तीन चार साल में इसका दायरा काफी बढ़ गया है और स्थिति भी पहले के मुकाबले अधिक भयावह नजर आने लगी है। दशकों पूर्व से गंडक नदी के सारण तटबंध में पानापुर प्रखंड के बृतभगवानपुर एवं सरौजा भगवानपुर में कटाव की समस्या उत्पन्न हो रही थी । जिससे हर साल बरसात के दिनों में वहां के हालात बिगड़ जाते थे। तीन साल पूर्व स्थिति पूरी तरह बिगड़ जाने के बाद वहां बोल्डरिग का कार्य कराने के साथ ही नदी की पेटी की चिड़ाई की गई। जिसके बाद वहां की समस्या तो पूरी तरह खत्म हो गई । परंतु इसके बाद नये इलाकों में कटाव होने लगा है। जानकार बताते है कि अभी जिन इलाकों में कटाव की स्थिति उत्पन्न है वहां भी अगर बोल्डरिग का कार्य करा दिया जाए तो समस्या खत्म हो सकती है। गंडक नदी में कटाव की जो समस्या है उसको लेकर फुल प्रुफ तैयारी चल रही है। विभागीय स्तर से स्वीकृति मिलते ही काम शुरु करा दिया जाएगा।साथ ही तटबंध के बिदु दूरी 74 से 80 के बीच जो तटबंध मार्ग है उसे पक्कीकरण कराकर मोटरेबल करने की योजना है। इसके अलावे जमींदारी बांध की भी मरम्मत कराई जाएगी।

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विनोद कुमार, कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण विभाग। बोले विधायक

बाढ़ पूरे जिले की समस्या बन चुकी है। जिसका निदान कराना मेरे प्राथमिकता में है। पूर्व के अपने कार्यकाल में मेरे द्वारा सारण तटबंध में बहुत कुछ कार्य कराया गया था। यह समस्या सारण व गोपालगंज जिले में अधिक उत्पन्न हो रही है। दोनों जिले के सामूहिक प्रयास से ही इसका निदान संभव है। इस दिशा में मेरे द्वारा प्रयास जारी है।

जनक सिंह, विधायक

तरैया विधानसभा क्षेत्र।


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