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इस साल वातानुकूलित होगा छपरा सदर अस्पताल

छपरा। स्वस्थ समाज के लिए स्वास्थ्य विभाग का योगदान प्रारंभ से ही महत्वपूर्ण रहा है। इस वर्ष स्वास

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jan 2018 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 08:01 PM (IST)
इस साल वातानुकूलित होगा छपरा सदर अस्पताल
इस साल वातानुकूलित होगा छपरा सदर अस्पताल

छपरा। स्वस्थ समाज के लिए स्वास्थ्य विभाग का योगदान प्रारंभ से ही महत्वपूर्ण रहा है। इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग जिलेवासियों के लिए बहुत कुछ नया देने जा रहा है। जिलेवासियों के लिए यह सबसे अच्छी खबर है कि जिले का अस्पताल इस वर्ष वातानुकूलित होने जा रहा है। वैसे विगत कुछ वर्षो में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है। सदर अस्पताल में प्रसव पीड़िताओं का सफल प्रसव के साथ बंध्याकरण भी किया जा रहा है। जिसके कारण अस्पताल में प्रतिदिन रोगियों की काफी भीड़ जुट रही है। अब स्वास्थ्य विभाग इन सुविधाओं के साथ अस्पताल के ओपीडी से लेकर आपातकालीन वार्ड तक को वातानुकूलित करने जा रहा है। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का प्रयास जल्द ही रंग लाने वाला है। इस बाबत प्रयास शुरू हो चुका है। अस्पताल प्रशासन के द्वारा अस्पताल के सभी वार्डो का निरीक्षण कर स्वास्थ्य मंत्री को भेजा जा चुका है। अब देर बजट के पास होने की है। अस्पताल प्रशासन की माने तो इस गर्मी के पूर्व सदर अस्पताल को वातानुकूलित किया जाना है। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की ही देन है कि अस्पताल में जरूरी दवाएं उपलब्ध दिख रही हैं। इस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डा. ललित मोहन प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सीमित साधन के अनुरूप गुणात्मक सुधार उनकी प्राथमिकता है। उन्होने बताया कि अस्पताल के रंगरोगन के साथ साफ-सफाई की व्यवस्था को दुरूस्त कराया जा रहा है।

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रोगी एवं परिजनों को मिलेगी कैंटीन की सुविधा

कैंटीन के लिए भवन बनकर तैयार है। टेंडर होने के साथ ही कैंटीन को चालू कराया जाएगा ताकि अस्पताल पहुंचने वाले रोगी एवं उनके परिजनों को इसकी सुविधा 24 घंटे मिल सके। रात के समय ऐसे मरीजों को खासी परेशानी होती है। वहीं रात्रिकालीन ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी चाय नाश्ते के लिए दिक्कतें आती रहती है। उनको भी इसका लाभ मिलेगा।

वाहन स्टैंड के प्रारंभ होने से रूकेगी बाइक चोरी

सदर अस्पताल में इस वर्ष रोगी कल्याण समिति के बैठक के बाद वाहन स्टैंड के खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है। इसके बन जानें से एक तरफ अस्पताल परिसर में यत्र-तत्र वाहन खड़े नहीं किए जा सकेंगे तो दूसरी तरफ वाहनों के चोरी की घटनाएं भी बंद हो जाएंगी।

ट्रामा सेंटर को धरातल पर लाने का हो रहा प्रयास

सदर अस्पताल में वर्षों पूर्व ट्रामा सेंटर का उद्घाटन तो किया गया लेकिन इसके लिए भवन के स्थल का न तो चयन हुआ और न हीं बजट ही पास हुआ। जिसको लेकर सिविल सर्जन डा. ललित मोहन प्रसाद ने स्वास्थ्य विभाग से पत्राचार किया है ताकि सदर अस्पताल से रेफर किये जाने वाले रोगियों को उपचार उपलब्ध कराया जा सके।

पेइंग वार्डो की संख्या बढ़ायी जाएगी

सदर अस्पताल में फिलवक्त दो पेइंग वार्ड रोगियों को सेवा दे रहे हैं। लेकिन शीघ्र ही पेइंग वार्ड की संख्या बढ़ायी जाएगी। हालांकि करोड़ों की लागत से बनाया गया पेइंग वार्ड बेकार पड़ा हुआ है, जिसे चालू नहीं कराया जा सका है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि चिकित्सक एवं स्टाफ की कमी के कारण इसे चालू किया जाना मुश्किल है।

चार से आठ तक चलेगा टीबी के रोगियों का खोज अभियान

जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस महीने 4 से 8 जनवरी तक सभी प्रखंडों एवं दलित बस्तियों में टीबी बीमारी के मरीजों का खोज अभियान चलाया जाएगा। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. रत्नाशरण ने बताया कि इस अभियान के लिए सभी आशा कार्यकर्ताओं को लगया जाएगा। वे सुदूर गांवों में घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान कर उन्हे अस्पताल तक पहुंचाएंगी जहां उनका समुचित उपचार किया जाएगा।

शत-प्रतिशत प्रतिरक्षण के लिए कार्य कर रहा मिशन इंद्रधनुष

जिले में शत-प्रतिशत प्रतिरक्षण के लिए विभाग काफी प्रयत्नशील है। सरकार की योजना सघन मिशन इंद्रधनुष इस कार्य में काफी सहायक हो रहा है। नियमित टीकाकरण में सारण पहले से प्रदेश में अव्वल रहा है। जिसके लिए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. जयश्री प्रसाद को प्रदेश में प्रतिरक्षण के 94 फीसदी लक्ष्य प्राप्ति के लिए सरकार ने सम्मानित भी किया था।

कालाजार उन्मूलन में मिली सफलता

कालाजार का प्रकोप जिस तरह से जिले में विगत वर्ष बढ़ा था उसे विभाग की सक्रियता से फैलने नहीं दिया और सभी संभावित गांवों में ¨सथेटिक पायराथ्रायड नामक दवा का छिड़काव कराया गया। जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. बीके श्रीवास्तव ने बताया कि कालाजार पूरी तरह नियंत्रण में है। सतत छिड़काव एवं निरीक्षण के कारण इसके रोगियों में काफी कमी आयी है। अपने जिले में जेई, डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज नहीं पाए गए हैं। जो भी मरीज पाए गये वे अन्य प्रदेशों से यहां पर्व-त्यौहार के अवसर पर आये थे। सदर अस्पताल में सभी जांच एवं उपचार नि:शुल्क उपलब्ध है।


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