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सारण में नहीं बना दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड

जिला पशुपालन पदाधिकारीजिला पशुपालन पदाधिकारीजिला पशुपालन पदाधिकारीजिला पशुपालन पदाधिकारीजिला पशुपालन पदाधिकारी जिला पशुपालन पदाधिकारीजिला छपरा। सारण में दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड नहीं बन सका है। पशुओं के हेल्थ कार्ड बनाए जाने की गति बहुत धीमी है। क्योंकि अभी तक जिले के सभी दुधारू पशुओं का टैगिग 6 माह बीतने के बाद भी नहीं हो सका है। सभी पशुओं का टैगिग नहीं होने के कारण उनका हेल्थ कार्ड बन पाना भी संभव नहीं है। जिसके कारण सैकड़ों पशुपालक इसके लाभ से वंचित हैं।पशुपालन पदाधिकारी जिला पशुपालन पदाधिकारीजिला पशुपालन पदाधिकारीजिला पशुपालन पदाधिकारी

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 07:09 PM (IST)
सारण में नहीं बना दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड
सारण में नहीं बना दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड

छपरा। सारण में दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड नहीं बन सका है। पशुओं के हेल्थ कार्ड बनाए जाने की गति बहुत धीमी है। क्योंकि, अभी तक जिले के सभी दुधारू पशुओं का टैगिग 6 माह बीतने के बाद भी नहीं हो सका है। सभी पशुओं का टैगिग नहीं होने के कारण उनका हेल्थ कार्ड बन पाना भी संभव नहीं है। जिसके कारण सैकड़ों पशुपालक इसके लाभ से वंचित हैं। क्या है योजना ? राज्य पशुपालन विभाग के निर्देश पर पशुपालकों के मवेशियों का ईयर टैगिग किए जाने के बाद विभाग द्वारा सभी दुधारू मवेशियों एवं उनके बछिया का भी हेल्थ कार्ड बनाया जाना है। सभी दुधारू पशुओं का ईयर टैगिग किए जाने के बाद पशुपालन विभाग द्वारा उन पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। जिसके बाद हेल्थ कार्ड के आधार पर पशुपालक पशु अस्पताल में संपर्क कर निशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा पशुपालकों के खटाल पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। हेल्थ कार्ड जारी करने के साथ ही विभाग को एक एंबुलेंस में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। जिसका प्रयोग पशु चिकित्सक पशुपालकों के घर तक पहुंचने एवं उपचार करने के लिए करेंगे। आवश्यकतानुसार एंबुलेंस से पशु को अस्पताल लाकर बेहतर चिकित्सा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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दूध उत्पादन में आएगी क्रांति

अगर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाया जाए तो निश्चित रूप से दूध उत्पादन में क्रांति आएगी। वैसे दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाए जाने के पीछे भी सरकार की परिकल्पना दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस परिकल्पना को धरातल पर उतरने के लिए विभाग द्वारा दुधारू पशुओं का ईयर टैगिग कराकर उनका हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। जिसका डाटा पशुपालन विभाग के पास मौजूद होगा। वर्जन: सभी दुधारू पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाए जाने को लेकर उनका ईयर टैगिग कराया जा रहा है। इस दौरान कुछ पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाया गया है। लेकिन, उसका आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं है।

डॉ प्रभास कुमार सिंह,जिला पशुपालन पदाधिकारी


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