तीन करोड़ के टिकट के अवैध कारोबार का किया पर्दाफाश
सारण मशरक स्टेशन रोड स्थित सेंट्रल बैंक के पास स्थित साइबर कैफे पर बुधवार को रेलवे
सारण : मशरक स्टेशन रोड स्थित सेंट्रल बैंक के पास स्थित साइबर कैफे पर बुधवार को रेलवे पुलिस की स्पेशल टीम ने छापेमारी कर अवैध रूप से रेलवे टिकट बना रहे दो कारोबारी धनौती पानापुर निवासी जीतेश कुमार सिंह और सहयोगी बकवां निवासी प्रिस कुमार कुशवाहा को गिरफ्तार किया। मौके से टिकट बनाने में इस्तेमाल होने वाला कंप्यूटर, प्रिटर को जब्त कर दोनों टिकट कारोबारी को रेल पुलिस अपने साथ छपरा ले गई। दोनों कारोबारी के गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही मशरक बाजार के सभी साइबर कैफे देखते ही देखते बंद हो गए। बाजार में चौक चौराहे व चाय की दुकान पर दबी जुबान लोग इसकी चर्चा कर रहे है। छापेमारी दल में उप निरीक्षक अनिल कुमार, हेड कांस्टेबल कुमार प्रियरंजन, कांस्टेबल उमेश चंद्र यादव, वीरेंद्र कुमार आदि शामिल थे।
आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिरुद्ध राय ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों दलालों के द्वारा प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर रेड बॉल तथा अड्डा का इस्तेमाल किया जाता था एवं पर्सनल आइडी से ई टिकट बना कर यात्रियों से बेचा जाता था, जिसके एवज में प्रति यात्री 200 से 500 रुपये अतिरिक्त राशि की वसूली की जाती थी। दलालों के पास से तीन लैपटॉप, एक प्रिटर, 4 मोबाइल, एक एटीएम कार्ड, एक मॉनीटर, दो बुकिग रजिस्टर, ब्लूटूथ डोंगल, माउस आदि बरामद किया गया है। साथ ही एडवांस बुक किए गए 30 हजार आठ सौ मूल्य के 14 टिकट एवं उपयोग किए गए 11496 रुपये के 10 टिकट भी बरामद किया गया। जांच में यह बात सामने आई है कि तीन वर्षो के अंदर इन दोनों दलालों के द्वारा करीब तीन करोड़ रुपए की ई टिकट की अवैध ढंग से बुकिग का कारोबार किया गया है और रेलवे को राजस्व की क्षति हुई है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि यूपीआई नेट बैंकिग के माध्यम से भुगतान कर प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर खरीदा गया था। पकड़े गए दोनों युवकों का नेटवर्क जिले के अलावा कई अन्य स्थानों पर फैला हुआ है। इस गिरोह से जुड़े ई टिकट की बुकिग करने वाले अन्य धंधे वालों को गिरफ्तार करने के लिए भी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इस मामले में आरपीएफ में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच शुरू कर दी गई है।