छपरा में रखा था भाई का शव, पानापुर में हो रही थी बहन की शादी
संसू,पानापुर : रसौली गांव में गुरुवार की सुबह बहन की डोली उठने के बाद भाई की अर्थी निकलने की घटना ने
संसू,पानापुर : रसौली गांव में गुरुवार की सुबह बहन की डोली उठने के बाद भाई की अर्थी निकलने की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। हर एक के मुंह से अनायास निकल पड़ता, ऊपरवाले ये तूने क्या किया। एकलौती बहन के हाथ पीले करने के लिए दिन-रात एक करने वाला संदीप, अपनी बहन को डोली में नहीं बिठा सका। उसे दूल्हन बने नहीं देख सका। मालूम हो कि रसौली ¨पडी टोला निवासी दयाशंकर ¨सह का 21 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार मंगलवार की रात सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। उसे सीएचसी मशरक ले जाया गया। वहंा से छपरा रेफर कर दिया गया। रास्ते मे ही उसकी मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि मंगलवार की रात मटकोर में पहुंचे अपने एक दोस्त को बगल के गांव धनौती पहुंचाने के लिए संदीप बाइक से जा रहा था। इसी दौरान उसकी बाइक दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस घटना में संदीप गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि उसके दोस्त को हल्की चोट लगी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी थी। हालांकि शादी को देखते हुए परिजनों ने संदीप के शव को छपरा में ही रोके रखा। संदीप की मौत के बाद शादी का माहौल फीका हो गया। यहां तक कि सिवान जिले के बसंतपुर थाने के सिपाह गांव से आई बारात में गिने चुने लोग ही पहुंचे थे। गुरुवार की अल सुबह स्वीटी की विदाई के बाद संदीप का शव जैसे ही पहुंचा गांव में कोहराम मच गया। करुण संदीप दो भाइयों में सबसे बड़ा था। वह कोलकाता में एक निजी कंपनी में काम करता था। संदीप के मौत की खबर पूरे गांव में आग की तरफ फैल चुकी थी। इसी कारण शादी की रश्म अदायगी भी बगैर बैंड बाजे की संपन्न हुई। हालांकि संदीप के घर की महिलाएं एवं स्वीटी को इस बात की भनक नहीं थी। परिजन उन्हें संदीप के इलाजरत होने की बात बता रहे थे। स्वीटी के विदा होने के बाद ही घर की महिलाओं को इस बात की जानकारी दी गई।