सारण के हरपुर फरीदन उच्च विद्यालय में चहारदीवारी जरूरी
प्रखंड के हरपुर फरीदन गांव के सारण तटबंध के समीप स्थित हरपुर फरीदन उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना 1956 में हुई थी। इसमें फरीदनपुर हरपुर फरीदन अरदेवा छोटा माधोपुर व शीतलपुर समेत अन्य गांवों के बच्चे पहली से दसवीं तक की पढ़ाई करते है। पिछले वर्ष आई बाढ़ से यह विद्यालय पूर्णरूप से प्रभावित था। यहां बाढ़ आने से पूर्व के बने भवन की मरम्मत के साथ टूटे फर्श की भी मरम्मत की जरूरत है।
सारण । प्रखंड के हरपुर फरीदन गांव के सारण तटबंध के समीप स्थित हरपुर फरीदन उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना 1956 में हुई थी। इसमें फरीदनपुर, हरपुर फरीदन, अरदेवा, छोटा माधोपुर व शीतलपुर समेत अन्य गांवों के बच्चे पहली से दसवीं तक की पढ़ाई करते है। पिछले वर्ष आई बाढ़ से यह विद्यालय पूर्णरूप से प्रभावित था। यहां बाढ़ आने से पूर्व के बने भवन की मरम्मत के साथ टूटे फर्श की भी मरम्मत की जरूरत है। साथ ही विद्यालय परिसर की मिट्टीकरण की भी आवश्यकता है। यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इस विद्यालय में चहारदीवारी न होने से विद्यार्थी असुरक्षित महसूस करते हैं। यहां सुरक्षा के ²ष्टिकोण से चहारदीवारी की नवनिर्माण भी जरूरी है। विद्यालय के बने भवन में लाइट व पंखे का अभाव है। बिना पंखे के गर्मी के दिनों में पठन-पाठन में छात्र-छात्राओं को परेशानी होगी। पेयजल की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। सिर्फ एक चापाकल के सहारे सभी छात्र-छात्राओं को पानी नसीब होता है। इस विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है। उससे खेलकूद प्रतियोगिता से छात्र-छात्राएं वंचित हो रहे हैं। विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था ठीक-ठाक है। इस विद्यालय में प्रयोगशाला तो है, लेकिन छात्र-छात्राएं इससे अनजान है। साथ ही पुस्तकालय भी नहीं हैं। हरपुर फरीदन उच्च माध्यमिक विद्यालय एक नजर में: स्थापना 1956
पहली से आठवीं वर्ग के शिक्षक 06
दसवीं वर्ग के शिक्षक शून्य
मैट्रिक में विज्ञान व कला के शिक्षक शून्य
स्मार्ट क्लास 01
पहली से आठवीं कक्षा में नामांकन 625
नवीं कक्षा में नामांकन 47
10 वीं कक्षा में नामांकन 81
पहली से आठवीं तक कि कक्षा 08
नवीं से दसवीं तक कि कक्षा 12
पुस्तकालय शून्य
लैब 01
रात्रि प्रहरी 01
परिचारी शून्य वर्जन विद्यालय में वर्ग का संचालन नियमित रूप से किया जाता है। विद्यालय में चहारदीवारी के साथ खेल का मैदान नहीं है। साथ ही पुस्तकालय की कमी है। इसके बेहतर विकास में अभिभावकों व ग्रामीणों का सहयोग भी अपेक्षित है। गोविद कुमार शर्मा, प्रधानाध्यापक।