बाबू जी धीरे चलना, छपरा-आरा रोड पर जरा संभलना
सरयू व कर्मनाशा नदी पर बिहार-यूपी को जोड़ने वाले पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद भारी वाहनों के परिचालन से आरा-छपरा पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है। विगत दो ढाई वर्ष से आरा-छपरा पुल का एक लेन काफी जर्जर हो गया है। उस पर चलना मौत को आमंत्रण देना है। यही कारण है कि छोटी गाड़ी वाले व बाइक वाले लोग दूसरे लेन से चलते हैं और सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं।
संसू, डोरीगंज : सरयू व कर्मनाशा नदी पर बिहार-यूपी को जोड़ने वाले पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद भारी वाहनों के परिचालन से आरा-छपरा पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है। विगत दो ढाई वर्ष से आरा-छपरा पुल का एक लेन काफी जर्जर हो गया है। उस पर चलना मौत को आमंत्रण देना है। यही कारण है कि छोटी गाड़ी वाले व बाइक वाले लोग दूसरे लेन से चलते हैं और सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं। दूसरी ओर वर्तमान में जो जाम की समस्या है उसका एक कारक यह भी है एक तरफ जहां ब्रिज का एक लेन जर्जर हो गया है, वही आरा तथा छपरा को जोड़ने के लिए दोनों संपर्क सड़क गड्ढे में तब्दील हो गये है। लिहाजा आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और ट्रकों का लंबा जाम लग रहा हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से हाल के दिनों में ओवरलोडिग पर पूर्णत: रोक लगाये जाने के आदेश के बावजूद ओवरलोड वाहनों का परिचालन रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी ओवरलोड का परिणाम है कि आरा-छपरा आने वाला लेन काफी जर्जर हालत में है। क्योंकि वहां से ओवरलोड होकर बालू आता है और उससे सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। बताया जाता है कि सोन के इलाके में नदी से बालू की खुदाई कर ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन निर्बाध रूप से किया जाता रहा। पूरे जिले का प्रवेश द्वार माने जाने वाले कोईलवर के रास्ते ही बालू की ओवरलोडिग ढुलाई बदस्तूर जारी है। नतीजतन आरा छपरा-फोरलेन सड़क कोईलवर से भिखारी मोड (तिवारी घाट मोड़) तक कई जगह धंस गई है। वहीं पुल पर एक लेन पर सड़क उखड़ गई है। पुल के इस पार से उस पार तक दोनों तरफ किनारे में बालू पसरा है, जिससे पुल के नाले बंद हो गए हैं। बालू पर फिसलन से आये दिन हादसे भी हो रहे हैं। कोटवा पट्टी रामपुर के मुखिया सह सदर मुखिया संघ के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्षों से आरा-छपरा पुल का एक लेन जर्जर हो गया है, जिसके कारण दियारा क्षेत्र के दर्जनों लोगों की जाने चली गई है। जानकारों की मानें तो बरसात के मौके पर आरा-छपरा फोरलेन पर भारी ढुलाई के कारण सड़कों पर पड़े गड्ढों में जमा पानी से नई फोरलेन सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है, जो आज तक अपने स्वरूप में नहीं लौट पाई है।