सारण के बेला रेल चक्का कारखाना ने 10 टन ऑक्सीजन दिया
वैश्विक महामारी कोरोना काल में दरियापुर के रेल पहिया कारखाना बेला ने 10 टन ऑक्सीजन एवं टैंक स्वास्थ्य विभाग को दिया है ताकि इस विकट परिस्थिति में ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान न जाए। बेला रेल चक्का कारखाना ने उस समय ऑक्सीजन गैस दिया है जब सूबे में ही नहीं देश में ऑक्सीजन की कमी है।
सारण। वैश्विक महामारी कोरोना काल में दरियापुर के रेल पहिया कारखाना बेला ने 10 टन ऑक्सीजन एवं टैंक स्वास्थ्य विभाग को दिया है, ताकि इस विकट परिस्थिति में ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान न जाए। बेला रेल चक्का कारखाना ने उस समय ऑक्सीजन गैस दिया है जब सूबे में ही नहीं देश में ऑक्सीजन की कमी है। ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम मचा है। कारखाना के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी उत्तम कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि को मंगलवार को 10 टन ऑक्सीजन एवं एक 20 टन का ऑक्सीजन टैंक दिया गया। उन्होंने बताया कि पहिया कास्टिग के लिए हमारे यहां 20-20 टन के चार टैंक हैं। जिसमें से कोरोना का संक्रमण को देखते हुए तीस टन ऑक्सीजन रेल चक्का का उत्पादन बंद कर सुरक्षित रख लिया गया था। सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मांगने पर हमने 10 टन ऑक्सीजन देते हुए 20 टन और आक्सीजन देने का आफर दिया है। जिसे स्वास्थ्य विभाग जब चाहे आकर ले जा सकता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के पहल पर सारण के जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने भी कारखाना को पत्र भेजा था। स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि आक्सीजन की पहली खेप लेकर आज पटना चले गए। उन्होंने कहा कि इतने आक्सीजन से पटना में आक्सीजन की मारा-मारी बहुत हद तक कम हो जाएगी। वैसे रेल पहिया कारखाना हमेशा से जनसेवा का कार्य करता है। यहां रखी अग्नि शमन की गाड़ी पूरे सीजन में आग बुझाने के काम आती है। हमे जैसे आग लगने की सूचना मिलती है अग्निशमन की गाड़ी भेजा जाता है। इसी तरह ऑक्सीजन मांगने पर रेल चक्का कारखाना ने मदद के लिए पहले हाथ बढ़ाते हुए ऑक्सीजन के साथ स्टोर के लिए टैंक भी दिया।