वोटरों के चेहरे पर झलक रहा था जिला नहीं बनने का दर्द
एक बार फिर अपने सांसद चुनने के लिए रोसड़ावासियों ने अपना मतदान तो अवश्य कर दिया।
समस्तीपुर। एक बार फिर अपने सांसद चुनने के लिए रोसड़ावासियों ने अपना मतदान तो अवश्य कर दिया। लेकिन उनके चेहरे पर रोसड़ा को जिला का दर्जा नहीं मिलने का दर्द स्पष्ट रूप से झलक रहा था। लगातार आश्वासन एवं घोषणाओं के बावजूद अपने आपको छला हुआ महसूस कर रहे रोसड़ा के लोगों में अन्य चुनाव की भांति उत्साह नहीं दिख रहा था। विभिन्न मतदान केन्द्रों पर इस बाबत पूछे जाने पर जो बात सामने आई, उससे स्पष्ट हुआ कि राजनेताओं की डपोरशंखी घोषणाएं एवं उपेक्षापूर्ण नीति के कारण ही मतदाताओं में उदासीनता एवं उत्साह में कमी है। रोसड़ा के आदर्श मतदान केन्द्र पर ईवीएम दबा कर निकल रहे मतदाता नवीन कुमार एवं राकेश चौधरी समेत कई मतदाताओं ने बताया कि यह गम तो तब सालता रहेगा जब तक कि रोसड़ा जिला न बन जाए। सोमवार को रोसड़ा विधानसभा के सभी 318 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ। इस दौरान महिला मतदाताओं का उत्साह चरम पर दिख रहा था। सुबह 7:00 बजे से पूर्व ही अधिकांश मतदान केंद्रों पर आधी आबादी की कतार लगी थी। सभी अपने-अपने मताधिकार का जल्द से जल्द उपयोग करने को आतुर दिख रही थी। मतदान केंद्रों पर इनकी उपस्थिति महिला सशक्तिकरण को बल दे रहा था। रोसड़ा के प्रखंड पंचायत समिति भवन स्थित पिक बूथ के सामने कतार में खड़ी महिलाओं ने पूछे जाने पर विकास और महिला सशक्तिकरण के नाम पर मतदान करने की बात कही। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के उदयपुर, गोविदपुर, मब्बी, खैरा, भिरहा, ढ़रहा ढ़ट्ठा, हिरमिया, हरिपुर,पचगामा महरोड़, मिर्जापुर, भरवारी समेत दर्जनों मतदान केंद्रों पर महिलाओं की कतार लंबी दिखी। पहले मतदान फिर जलपान का नारा बुलंद करते हुए महिला मतदाता एक बार फिर लोकतंत्र के इस महापर्व में पुरुष मतदाताओं से आगे निकलने मैं कामयाब हो गई।
वोट डालकर सेल्फी ले रहे थे युवा
दूसरी ओर युवा वोटरों का जोश देखते ही बन रहा था। मतदान केंद्रों पर वोट डालकर सेल्फी लेते युवाओं ने राष्ट्र निर्माण एवं विकास के नाम पर वोट डालने की बात कही। चिलचिलाती धूप में पसीने से तर-बतर युवाओं ने पूछे जाने पर बेबाक शब्दों में कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए यदि पसीना ही बहाना पड़ा तो कौन बड़ी बात है। और तो और बुजुर्ग मतदाता भी अपने आप को इससे अलग नहीं रख पाए। सभी मतदान केंद्रों पर इनकी भी उपस्थिति अच्छी खासी देखी गई। हाथ में डंडा लिए या किसी के सहारे केंद्र तक पहुंच बुजुर्गो ने भी अपने अधिकार का प्रयोग करना नहीं भूला। पूरे दिन चले मतदान के बीच संपूर्ण क्षेत्र में लोकतंत्र का यह महापर्व उमंग और उत्साह से भरा दिख रहा था।
वोट गिराने को लेकर महिला वोटरों में मची आपाधापी
लोकसभा चुनाव को लेकर रोसड़ा प्रखंड के मध्य विद्यालय स्थित मतदान केंद्र सं 243 पर घंटों अराजक स्थिति बनी रही। चिलचिलाती धूप के कारण कतार तोड़ सैकड़ों महिला मतदाता एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लग गई। मौके पर मौजूद निर्वाचन अभिकर्ता और मतदान कर्मियों के साथ साथ पुलिसकर्मियों की भी महिलाओं ने एक ना सुनी। और हालात यह हुआ कि करीब 1 घंटे तक मतदान की प्रक्रिया ही वहां बाधित रही। बताया जाता है कि अचानक धूप तेज होते ही विद्यालय के बाहर आसमान के नीचे कतारबद्ध महिलाएं कतार तोड़कर विद्यालय के बरामदे पर आ गई। सभी एक दूसरे से पहले वोट डालने के लिए शोर मचाने लगी। इस दौरान एक दूसरे के बीच नोक झोंक और तू-तू मैं- मैं भी होती रही। केंद्र पर महिला पुलिस बल नहीं रहने के कारण काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। सूचना पर महिला पुलिस बल के साथ पहुंचे पदाधिकारियों के प्रयास से स्थिति को सामान्य किया गया।