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एलआइसी वाले बीईओ साहब से शिक्षक परेशान

अक्सर अधिकारियों के औचक निरीक्षण से हड़कंप मच जाता है। जांच के क्रम में विभिन्न बिन्दुओं पर गड़बड़ी तलाशी जाती है। दोषी प्रतीत होने पर सख्त प्रशासनिक कार्रवाई करने की बात कही जाती है। ताकि सरकारी कर्मियों और मुलाजिमों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जा सके। अपने दायित्वों और कर्तव्यों के प्रति सजग किया जा सके। मगर इन सबों के बीच विभूतिपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 01:05 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 01:05 AM (IST)
एलआइसी वाले बीईओ साहब से शिक्षक परेशान
एलआइसी वाले बीईओ साहब से शिक्षक परेशान

समस्तीपुर । अक्सर अधिकारियों के औचक निरीक्षण से हड़कंप मच जाता है। जांच के क्रम में विभिन्न बिन्दुओं पर गड़बड़ी तलाशी जाती है। दोषी प्रतीत होने पर सख्त प्रशासनिक कार्रवाई करने की बात कही जाती है। ताकि, सरकारी कर्मियों और मुलाजिमों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जा सके। अपने दायित्वों और कर्तव्यों के प्रति सजग किया जा सके। मगर, इन सबों के बीच विभूतिपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां पर शिक्षा विभाग के एक पदाधिकारी अपनी बीमा एजेंट पत्नी का धंधा चमकाने के लिए विभाग से जुड़े लोगों पर दबाव डालकर जबरन बीमा करा रहे हैं। धंधा फले-फूले इसके लिए उन्हें कार्यालय के लेखापाल पंकज कुमार, बीआरपी चंद्रकांत, कुछ संकुल समन्वयक और शिक्षकों का भरपूर सहयोग मिल रहा। विभागीय कार्रवाई का खौफ दिखाकर महीनों पूर्व से इस बात को दबाए रखे हुए थे। विगत कुछ दिनों से जब विद्यालयों में औचक निरीक्षण के नाम पर यह धंधा अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंचने लगा तो शिक्षकों में दबे स्वर चर्चा होने लगी। बीईओ साहब भी जिलास्तर के अधिकारियों के विशेष संपर्क में चले गए। ताकि, कोई शिक्षक उनका विरोध न कर सके। अबतक तकरीबन दर्जनों शिक्षकों समेत उनके स्वजनों का बीमा करा चुके हैं। मामला विभूतिपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो और उनकी पत्नी से जुड़ा है। इस बात पर शिक्षक, संकुल समन्वयक, बीआरपी, बीईओ और जिलास्तर के पदाधिकारी भले अनभिज्ञता जता रहे हों, इसका खंडन कर रहे। लेकिन, एक बीमा कंपनी की पॉलिसी लगातार कराए जाने की बातें इन दिनों सुर्खियों में है। दैनिक जागरण के प्रयास से बीमा प्रकरण में सत्यता को बल मिली तो मामला उजागर हुआ। प्रखंड मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। हालांकि, पूरे मामले की सम्यक जांच और विभागीय कार्रवाई का सफर अभी बाकी है। इधर, शिक्षकों और आमजनों में बीईओ द्वारा लालचवश एवं पद का दुरुपयोग किए जाने संबंधी आरोप के खूब चर्चे हो रहे। लोग कहते हैं कि अगर, आप शिक्षक हैं और स्कूली ड्यूटी की इच्छा नहीं है तो कोई बात नहीं। शिक्षा विभाग के इस सरकारी मुलाजिम के रहते आपका बाल-बाका नहीं हो सकता। कुछ भी करिए, उनसे मिलिए। एलआइसी का एक पॉलिसी खुद या स्वजनों के नाम से खरीदिए और पूरे दिन मटरगश्ती करिए। यह संभव है कि स्पष्टीकरण पूछा जाए। मगर, ऑल इज वेल है यहां।

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बता दें कि कृष्णदेव महतो इससे पूर्व पातेपुर के बीईओ थे। जबकि उससे पहले वे अररिया ट्रेनिग कॉलेज में थे। शिक्षक संघ में विरोध के सुर

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के भीतर विरोध के सुर उठने लगे हैं। संघ से जुड़े संजीव कुमार, राकेश कुमार, राजेश कुमार, दीपक कुमार आदि की मानें तो संबंधित तथ्य जुटाए गए है। अधिकारी स्तर से इस प्रकार का शोषण पद का दुरुपयोग है। बीईओ की बीमा टीम में शामिल लोगों के कारनामे की घोर निदा करते हैं। कहते हैं बीईओ

सरकारी निर्देश के आलोक में विभिन्न विद्यालयों की जांच की जा रही है। शिक्षकों पर दबाव डालकर एलआइसी कराने की बातें निराधार हैं। मेरे नाम पर कोई एलआइसी कोड नहीं है।

- कृष्णदेव महतो, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विभूतिपुर । बोले डीईओ

अबतक कोई लिखित शिकायत या दूरभाष पर संबंधित सूचना नहीं मिली है। यह जांच का विषय है। शिकायत मिलने पर पूरे मामले की बारीकी से जांच कराई जाएगी।

- वीरेंद्र नारायण, जिला शिक्षा पदाधिकारी समस्तीपुर


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