घरेलू सामान पर कर में हो कमी, शैक्षणिक जगत में आए क्रांति
देश का बजट बेशक प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल पेश करेंगे, लेकिन घर का बजट बनाने और संभालने में आधी आबादी यानी महिलाओं का योगदान अहम होता है।
समस्तीपुर । देश का बजट बेशक प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल पेश करेंगे, लेकिन घर का बजट बनाने और संभालने में आधी आबादी यानी महिलाओं का योगदान अहम होता है। चाहे वो महिलाएं घरेलू हो या फिर कामकाजी। सभी को इस आम बजट से काफी उम्मीद है। महिलाओं को लगता है कि महंगाई के इस दौर में बजट राहत लेकर आएगा। महिलाओं के मुताबिक, बजट में घरेलू सामान पर टैक्स कम किया जाए, एजुकेशन लोन सस्ता हो और मेडिकल सुविधा बढ़ाई जाएं। इसके साथ ही महिलाएं अपनी आर्थिक सुरक्षा चाहती हैं और राहत भरी घोषणाओं की उम्मीद करती हैं। जानें शहर की घरेलू महिलाओं की आम बजट से उम्मीद। इस समय सबसे ज्यादा लोड बच्चों की शिक्षा का है। शिक्षा को लेकर हम समझौता भी नहीं कर सकते। इस बजट में सरकार को शिक्षा पर बजट देनी चाहिए ताकि उच्च शिक्षा महंगी न हो। बजट में अधिक सरकारी कॉलेज शुरू करने की मंजूरी देनी चाहिए, ताकि बच्चे निजी कॉलेजों पर निर्भर न रहे।
ऋचा राउत, शांति नायक रोड रसोई का सामान इतना महंगा हो गया है कि कम आय में घर चलाना मुश्किल लगता है। सरकार को इस बजट में खाने पीने के सामान पर कर को कम करना चाहिए। अगर सरकार टैक्स कम नहीं कर सकती तो कम से कम बढ़ाए भी नहीं ताकि आम जनता पर महंगाई का ज्यादा दबाव न पड़े।
सुमन कुमारी ¨सह, महात्मा गांधी रोड
इस बजट में सरकार को स्वास्थ्य सुविधा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं नहीं है। लोगों को मजबूरी में प्राइवेट हॉस्पिटल पर निर्भर रहना पड़ता है। निजी अस्पताल का महंगा इलाज सब लोग के सहन की बात नहीं है। आयुष्मान भारत सरकार की योजना का लाभ भी सभी को नही मिल रहा है।
शबनम ¨सह, दल¨सहसराय
बच्चे बड़े होते जा रहे हैं, उनकी पढ़ाई की टेंशन बढ़ती जा रही है। अच्छे कॉलेज में पढ़ाना मुश्किल लगता है। इस बजट में सरकार को एजुकेशन लोन लेने का प्रोसेस आसान बनाना चाहिए। अगर इस बार ऐसा होता है तो लाखों माता-पिता को राहत मिलेगी।
मेधा रानी, शांति नायक रोड
खाने पीने के सामान पर टैक्स कम करना चाहिए। मेडिकल फैसिलिटी भी बढ़ाई जानी चाहिए। दवाइयां सस्ती होनी चाहिए। लोग दवाइयों के साथ समझौता नहीं कर सकते। मजबूरी में उन्हें महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। इस बजट में सस्ती दवाओं का प्रावधान होना चाहिए।
दीपा सुधा, जय प्रकाश नगर, दल¨सहसराय