जेई-एईएस की रोकथाम के लिए मुकम्मल व्यवस्था का टास्क, लापरवाही पर नपेंगे अधिकारी
कोविड-19 और जैपनिज इंसेफ्लाइटिस (जेई)व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की।
समस्तीपुर । कोविड-19 और जैपनिज इंसेफ्लाइटिस (जेई)व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से समीक्षात्मक बैठक की। डीएम शशांक शुभंकर ने एईएस/जेई की रोकथाम एवं मास्क वितरण पर आवश्यक निर्देश दिया। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज की मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए। इसमें कोरोना संक्रमित एक्टिव केस, पॉजिटिविटी दर, मास्क वितरण प्रतिशत, कोविड-19 जांच, टीकाकरण आदि की प्रखंडवार तुलना की समीक्षा की गई। खराब प्रदर्शन करने वाले बीडीओ और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फटकार लगाई गई। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित करने का भी निर्देश दिया। मौके पर उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार सिन्हा, जिला स्वास्थ्य प्रबंधक एसके दास, जीविका डीपीएम एवं वीसी के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित रहे। गांव में 15 मिनट के अंदर एंबुलेंस की उपलब्धता पर जोर
डीएम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि एईएस के मरीज को आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु हर पंचायत को एंबुलेंस अथवा निजी वाहन या मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत चल रहे वाहन से टैग किया जाए। जिसके ड्राइवर का नंबर उस क्षेत्र की आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सदस्य, एवं जनप्रतिनिधियों के पास उपलब्ध हो। आवश्यकता पड़ने पर 15 मिनट के अंदर वाहन उपलब्ध हो जाए एवं एईएस के मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान पर जल्द से जल्द (गोल्डन आवर) के अंदर ले जाए जहां उसका इलाज हो सके। अगर पंचायत बड़ा है तो एक से अधिक वाहन की टैगिग की जा सकती है। प्राइवेट एंबुलेंस का दर सार्वजनिक करने का निर्देश
निजी एंबुलेंस या वाहन का प्रयोग होने पर निर्धारित दूरी के अनुसार निर्धारित दर पर भुगतान करना सुनिश्चित किया जाएगा। निजी वाहन का प्रयोग होने पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति निर्धारित दर पर दूरी के अनुसार भुगतान करने संबंधी दर तालिका को दीवार लेखन अथवा फ्लैक्स द्वारा प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया। मरीज को बेवजह रेफर के बजाए उपचार का निर्देश
एईएस मरीज को एसओपी 2021 के अनुसार इलाज करते हुए स्टेबलाइज करने, आवश्यकता पड़ने पर ही रेफर करने एवं रेफर किए गए मरीज को इलाज संबंधी विवरण तथा रेफर की सूचना वाट्सएप ग्रुप पर डालने की ताकीद की गई। सभी अस्पतालों में एईएस मरीजों के लिए दो बेड सुरक्षित रखे जाने एवं आवश्यक दवाओं तथा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया। ड्यूटी पर हर हाल में उपस्थित रहे चिकित्सक व कर्मी
रोस्टर ड्यूटी के अनुसार रात्रि पाली में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश डीएम ने दिया। कहा कि चिकित्सकों की उपस्थिति का अनुश्रवण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे। जिला स्तर के चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी परिस्थिति में रात्रि पाली में चिकित्सक अनुपस्थित नहीं रहेंगे। आशा, एएनएम,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा क्षेत्र में प्रचारित किया जाए कि अभिभावक अपने बच्चों को रात्रि में भरपेट भोजन अवश्य कराएं।