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एकल परिवार की ओर बढ़ रहा समाज

देश की आजादी के बाद समाज की मजबूती पर बल दिया गया। स्पष्ट था कि समाज जितना मजबूत होगा उतना ही सशक्त देश होगा। लेकिन समय के साथ समाज भी बदल रहा है। युवा अपने लक्ष्यों से भटक रहे हैं तो नेता अपने हितों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 12:47 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 12:47 AM (IST)
एकल परिवार की ओर बढ़ रहा समाज
एकल परिवार की ओर बढ़ रहा समाज

समस्तीपुर । देश की आजादी के बाद समाज की मजबूती पर बल दिया गया। स्पष्ट था कि समाज जितना मजबूत होगा, उतना ही सशक्त देश होगा। लेकिन, समय के साथ समाज भी बदल रहा है। युवा अपने लक्ष्यों से भटक रहे हैं तो नेता अपने हितों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। उक्त बातें दलसिंहसराय प्रखंड के रामपुर जलालपुर गांव निवासी 85 वर्षीय डाकबाबू चंद्रकांत चौधरी ने कहीं। दैनिक जागरण के अभियान गण के तंत्र में उन्होंने बताया कि समाज की आवश्यकतावादी नीति ने देश के गणतंत्र की परिभाषा को बदल दिया है। आज लोग सिर्फ अपने हितों की सोचते हैं। युवा वर्ग शिक्षा तो प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन उनमें भटकाव देखा जा सकता है। पहले हम सभी सम्मिलित परिवार का हिस्सा होते थे, लेकिन अब एकल परिवार की ओर समाज बढ़ता जा रहा। ऐसे में परिवार भी मजबूत नहीं रह पाता फिर समाज और देश कैसे सशक्त होगा।

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