सदर अस्पताल में केबल कटने से हुई शॉर्ट-सर्किट, मची अफरातफरी
समस्तीपुर। सदर अस्पताल में ओपीडी भवन के समीप पीडियाट्रिक इन्टेन्सिव केयर यूनिट के निर्माणाधीन कार्य के दौरान भूमिगत केबल कट जाने से बुधवार की संध्या शॉर्ट-सर्किट हो गई।
समस्तीपुर। सदर अस्पताल में ओपीडी भवन के समीप पीडियाट्रिक इन्टेन्सिव केयर यूनिट के निर्माणाधीन कार्य के दौरान भूमिगत केबल कट जाने से बुधवार की संध्या शॉर्ट-सर्किट हो गई। इससे ओपीडी भवन में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, किसी भी तरह की बड़ी घटना नहीं घटी। इस वजह से गुरुवार को ओपीडी में मरीजों के इलाज में भी काफी परेशानी हुई। मरीजों का रजिस्ट्रेशन ऑफलाइन ही किया गया। इलाज कराने के लिए पहुंचे मरीजों को घंटों तक लाइन में लगना पड़ा। वहीं पैथोलॉजी व अल्ट्रासाउंड की सेवा मरीजों को नहीं मिल सकी। उपाधीक्षक ने पूरे मामले की जानकारी सिविल सर्जन को भी दे दी। जानकारी के अनुसार निर्माण कार्य करने में ही जमीन की खुदाई के समय भूमिगत केबल को मजदूरों द्वारा काट दिया गया। जिसके कारण केबल का शॉर्ट-सर्किट हो गया। इसके कारण पूरा विद्युत तार जल गया। जलने के क्रम में ओपीडी में 20 एलईडी बल्ब, चार पंखा, सभी कम्प्यूटर एवं प्रिटर, पैथोलॉजी के कुछ उपकरण फ्यूज हो गया। जिसके कारण पूर्ण रूप से विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। सूचना मिलते ही उपाधीक्षक डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही और अस्पताल प्रबंधक विश्वजीत रामानंद तत्काल मौके पर पहुंचे। हालांकि, शाम होने की वजह से ओपीडी में मरीजों की संख्या भी काफी कम थी। इससे परिसर में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई। जेनरेटर द्वारा भी विद्युत आपूर्ति का प्रयास किया गया कितु उसके मेन लाइन के साथ सर्किट जलने के कारण विद्युत आपूर्ति नहीं हुई। अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और पैथोलॉजी जांच की मरीजों को हुई परेशानी सदर अस्पताल में विद्युत आपूर्ति बाधित रहने की वजह से गुरुवार को मरीजों को एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी जांच की सुविधा नहीं मिल सकी। इसको लेकर मरीजों को काफी परेशानी हुई। एक्सरे बंद रहने की वजह से अधिकतर मरीजों को निजी केंद्रों से जांच करानी पड़ी। वहीं, दोपहर बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अल्ट्रासाउंड की सुविधा दी जा सकी। पूर्जा काउंटर पर घंटों लगी रही लंबी कतारें
सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों का गुरुवार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। सभी को हाथ से लिखा पूर्जा ही दिया गया। इसके कारण मरीजों को घंटों तक पूर्जा काउंटर पर लाइन में खड़े होकर इलाज कराने की मजबूरी बनी रही।