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उजियारपुर में विकास कार्यों में हुए घोटाले, लोकायुक्त का निर्देश छह माह के अंदर पूरी करें कार्रवाई

समस्तीपुर। उजियारपुर प्रखंड के सभी पंचायतों के विकास कार्यों में हुए घपले की जांच छह माह में पूरी हो जाएगी। लोकायुक्त ने इससे संबंधित यह आदेश जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 12:46 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 12:46 AM (IST)
उजियारपुर में विकास कार्यों में हुए घोटाले, लोकायुक्त का निर्देश छह माह के अंदर पूरी करें कार्रवाई
उजियारपुर में विकास कार्यों में हुए घोटाले, लोकायुक्त का निर्देश छह माह के अंदर पूरी करें कार्रवाई

समस्तीपुर। उजियारपुर प्रखंड के सभी पंचायतों के विकास कार्यों में हुए घपले की जांच छह माह में पूरी हो जाएगी। लोकायुक्त ने इससे संबंधित यह आदेश जारी किया है। उजियारपुर पंचायत में योजनाओं के क्रियान्वयन में लगाए गए आरोपों की जांच में शिथिलता को लेकर अधिवक्ता राम पुनीत चौधरी ने लोकायुक्त के यहां मामला दायर किया था। इसके पूर्व गड़बड़ी पाए जाने पर चार तत्कालीन पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें ग्राम पंचायत राज बेलारी के तत्कालीन पंचायत सचिव राम नरेश महतो, बैकुंठपुर ब्रहण्डा के तत्कालीन पंचायत सचिव शंभू प्रसाद राय, भगवानपुर कमला के तत्कालीन पंचायत सचिव मनोज कुमार और चांदचौर उपेंद्र राम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई। लोकायुक्त द्वारा इस मामले में किये गए कारण पृच्छा में जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने लोकायुक्त को रिपोर्ट दी। इसमें स्पष्ट था कि विभागीय कार्यवाही अभी भी लंबित है। पुलिस द्वारा दी गई रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि उजियारपुर पुलिस ने भी मामले की जांच में गड़बड़ी की रिपोर्ट दी है। फिलहाल मामला न्यायालय में लंबित है। लोकायुक्त कार्यालय के अवर सचिव ने अपने आदेश में लिखा है कि पंचायत सचिवों के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। विभागीय कार्यवाही और आपराधिक मामले दोनों को उनके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने का निर्देश दिया गया। लोकायुक्त ने जांच पूरी करने को लेकर छह महीने की अवधि दी है। साथ ही मामले का निपटारा किया गया है। इस आदेश की प्रति जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दी गई है। न्यायालय में निवारण को लेकर चल रहा मामला

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उजियारपुर में विकास कार्यों में घोटाले के संबंध में थाना में भी मामला दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने जांच कर रिपोर्ट दे दी है। लोकायुक्त में मामला दायर होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी थी। इसमें स्पष्ट बताया गया था कि उजियारपुर थाना कांड संख्या 8-10 दिनांक 15 जनवरी 2010 में धारा 409, 420, 467, 468, 471 भादवि का त्वरित निवारण कराने का निर्देश दिया गया है। त्वरित निवारण अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दलसिंहसराय के न्यायालय में चल रहा है। इनपर कार्रवाई को लेकर चल रही प्रक्रिया

उजियारपुर प्रखंड के ग्राम पंचायत राज बेलारी के तत्कालीन पंचायत सचिव राम नरेश महतो और चांदचौर के उपेंद्र राय सेवानिवृत हो चुके हैं। दोनों पंचायत सचिव के विरुद्ध अनुमंडल पदाधिकारी दलसिंहसराय ने वित्तीय वर्ष 2008-09 में सोलर लाइट के अधिष्ठापन में की गई अनियमितता के आलोक में प्रपत्र क में आरोप पत्र गठित कर भेजा गया। इसमें एक बात यह भी सामने आया कि दोनों पंचायत सचिव के विरुद्ध वित्तीय वर्ष 2008-09 में सोलर लाइट लगाने के मामले में अनियमितता से संबंधित घटना के संबंध में आरोप पत्र वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्राप्त हुआ। जो विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए निर्धारित समयावधि 4 वर्ष पूर्व का है। ग्राम पंचायत राज बैकुंठपुर ब्रहण्डा के तत्कालीन पंचायत सचिव शंभु प्रसाद राय के विरुद्ध संचालित विभागीय कार्यवाही के क्रम में निर्गत द्वितीय कारण पृच्छा एवं प्राप्त उत्तर के आलोक में दंड अधिरोपण के लिए संचिका उपस्थापित है। भगवानपुर कमला के भी तत्कालीन पंचायत सचिव मनोज कुमार की स्थापना जिला स्थापना प्रशाखा में है। इसको लेकर उक्त प्रशाखा से ही पत्राचार किया जा रहा है।


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