जीवन में शिथिलता एक शाप, शिक्षार्जन से ही मुक्ति संभव
जीवन मे शिथिलता एक शाप है जिससे मुक्ति का मार्ग शिक्षार्जन से हीं संभव है।
समस्तीपुर । जीवन मे शिथिलता एक शाप है, जिससे मुक्ति का मार्ग शिक्षार्जन से हीं संभव है। उक्त बातें राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय वारिसनगर बाजार के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक परवेज अहमद ने अपने विदाई सह सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भावुक लहजे में कही। समारोह की अध्यक्षता स्थानीय मुखिया रामदयाल राय ने की। संचालन उमवि डरसुर के प्रधानाध्यापक पवन कुमार साफी ने किया। इससे पूर्व समारोह की शुरुआत विद्यालय परिवार की ओर से श्री परवेज को पाग चादर व माला से स्वागत और विद्यालय की छात्रा भावना, अंजलि, स्नेहा आदि के द्वारा विदाई गीत गाकर किया गया। वहीं बीईओ सुनील कुमार वर्मा ने शिक्षकीय जीवन की महत्ता को बताया। आदर्श मध्य विद्यालय वारिसनगर के प्रधानाध्यापक प्रणव चौधरी ने श्री अहमद के कार्यकाल की भूमिका को गंगा की तरह बताते हुए कहा कि इनका स्थानिक सौंदर्यता अपने उत्तम चरित्र से प्रतिभाषित किया जाता है। शिक्षक रामनाथ कुमार ने कहा कि जीवन मे शैक्षिक अनिवार्यता और प्रतिनिधिक सहयोग को सम्मान से जोड़कर एक नवीन धारा का संचरण किया। समारोह को सेवानिवृत्त शिक्षक अंजुम वारिस, महेंद्र प्रसाद, इफ्तेखार अहमद, ब्रजनंदन राम, सहित बीआरपी चन्द्रभूषण ठाकुर, संजय रजक, मो. सरफराज अहमद, छोटेलाल पासवान, इम्तियाज अहमद रुही, राकेश कुमार साफी, मोहन बैठा, अवधेश कुमार, सुनील कुमार, दिनेश कुमार, शबाना शकील, पार्वती कुमारी, आशा कुमारी, मोनिका कुमारी सहित दर्जनों शिक्षक शिक्षिकाओं ने संबोधित करते हुए उनके मंगलमय जीवन की कामना की ।