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पीपीई किट, कलेक्शन, सर्विस व अन्य खर्च बताकर कोविड-19 जांच में वसूल रहे दोगुनी राशि

शहर में निजी पैथोलॉजी लैब ने आपदा में कमाई का अवसर ढूंढ लिया है। कोरोना के दोबारा कहर बरपाते ही मरीजों को लूटना शुरू कर दिया गया है। प्रशासनिक स्तर पर निर्धारित शुल्क से सभी दोगुनी कीमत वसूल रहे है। जांच के लिए 1500 से लेकर 1800 रुपये तक वसूल किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 11:16 PM (IST)
पीपीई किट, कलेक्शन, सर्विस व अन्य खर्च बताकर कोविड-19 जांच में वसूल रहे दोगुनी राशि
पीपीई किट, कलेक्शन, सर्विस व अन्य खर्च बताकर कोविड-19 जांच में वसूल रहे दोगुनी राशि

समस्तीपुर । शहर में निजी पैथोलॉजी लैब ने आपदा में कमाई का अवसर ढूंढ लिया है। कोरोना के दोबारा कहर बरपाते ही मरीजों को लूटना शुरू कर दिया गया है। प्रशासनिक स्तर पर निर्धारित शुल्क से सभी दोगुनी कीमत वसूल रहे है। जांच के लिए 1500 से लेकर 1800 रुपये तक वसूल किए जा रहे हैं। लैब संचालक रसीद देने से भी बच रहे है। हैरानी वाली बात यह है कि कोविड-19 जांच में अवैध वसूली खुलेआम हो रही है। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारी अचानक जांच की बजाए शिकायत आने का इंतजार कर रहे हैं। जिले में मात्र दो जांच घर ही कोविड-19 जांच का सैंपल लेने के लिए अधिकृत है, जबकि दर्जनों जांच घर में बिना रिपोर्ट दिए ही जांच की जा रही है। सरकार से दर है निर्धारित

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सरकार की ओर से आरटी-पीसीआर जांच के लिए 800 रुपये कीमत निर्धारित की गई है। वहीं एंटीजन से जांच कराने का 250 रुपये निर्धारित किया गया है। घर जाकर सैंपल लेने का 300 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाना है।

मजबूरी का उठाया जा रहा फायदा

हवाई यात्रा में कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसके कारण बड़ी संख्या में कोरोना संदिग्ध के अलावा यात्री भी कोविड जांच करा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में कोविड जांच रिपोर्ट जल्दी प्राप्त नहीं होती है। ऐसे में लोग मजबूरीवश निजी पैथोलॉजी का रूख कर रहे हैं। मजबूरी का फायदा उठाकर निजी लैब में ज्यादा शुल्क लिया जा रहा है। इस चक्कर में जरूरतमंद कोरोना संदिग्ध भी अवैध वसूली का शिकार हो रहे हैं।

कार्रवाई से बचने के लिए नहीं दे रहे रसीद

स्वास्थ्य विभाग निजी पैथोलॉजी पर कार्रवाई करने के लिए शुल्क रसीद मांगता है। इसके कारण निजी जांच घर के संचालक मरीजों को रसीद नहीं देते है। कुछ मरीजों द्वारा जबरन रसीद मांगने पर कम शुल्क वाला ही रसीद देते हैं। बाकी अतिरिक्त शुल्क को कलेक्शन, किट, सर्विस एवं अन्य खर्च बताकर नकद वसूल रहे हैं। इसकी रसीद नहीं दे रहे हैं। यह राशि जांच घर वाले मनमाफिक ले रहे है।

आरटी-पीसीआर हो या एंटीजन जांच, सरकार की निर्धारित कीमतों से अधिक राशि नहीं लेनी हैं। निजी लैब की जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई होगी।

डॉ. सतीश कुमार सिन्हा

प्रभारी सिविल सर्जन, समस्तीपुर।


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