पेट्रोल पंप लूटकांड में पुलिस ने तीन को दबोचा
डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा परिसर स्थित बीपी पेट्रोल पंप लूटकांड में शामिल अपराधियों की शिनाख्त अब तक पुलिस नहीं कर पाई है।
समस्तीपुर । डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा परिसर स्थित बीपी पेट्रोल पंप लूटकांड में शामिल अपराधियों की शिनाख्त अब तक पुलिस नहीं कर पाई है। हालांकि पुलिस इस मामले में तीन संदिग्ध को गिरफ्तार कर पूछताछ करने की बात कह रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस कांड में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं अपराधियों की गोली से जख्मी दोनों कर्मियों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है।
जानकारी के अनुसार दूसरे दिन भी पुलिस अब तक उक्त घटना में शामिल अपराधियों की पहचान नहीं कर सकी है। पुलिस द्वारा इस मामले में तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जिससे पूछताछ की जा रही है। दूसरी ओर पंप के नोजल कर्मी रवि रंजन कुमार के बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें एक लाख रुपए लूटने की बात कही गई है। प्राथमिकी में कहा गया है कि 3 दिसंबर को लगभग 12.30 बजे दो मोटरसाइकिल पर सवार चार नकाबपोश अपराधी पंप पर आए और गाड़ी में हवा भरवाने लगे। उसके बाद कमरे में बैठे पेट्रोल पंप कर्मी बख्तियारपुर निवासी रवि रंजन कुमार एवं मोतिहारी के जिहुली थाना अंतर्गत पताही निवासी पंप कर्मी सचिन कुमार से कैश काउंटर की चाबी मांगी। चाबी नहीं देने पर पिस्टल के बट से सिर पर प्रहार कर रविरंजन को घायल कर दिया। उसके बाद नोजल पर ड्यूटी कर रहे मोतिहारी के जिहुली निवासी हजारी शाह के पुत्र वीरेंद्र साह से रुपये छीनने लगा। इस क्रम में विरेाध करने पर फायरिग कर दी। जिसमें उसके सीने में गोली लग गई। वहीं दूसरे कर्मचारी चंदन कुमार एवं सुमित चौधरी से बिक्री के रुपये छीनने के बाद सभी अपराधी हरपुर की तरफ भाग निकले। पंप के कर्मचारी से अपराधियों द्वारा लगभग एक लाख रुपए लूटे गए हैं। वैसे उसने यह भी बताया है कि लूटी गई रकम की जानकारी नोजल के कंप्यूटर से ही प्राप्त हो सकती है। इधर, इस घटना के बाद से पूसा के व्यवसायियों में दहशत व्याप्त हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि स्थानीय थाना से महज कुछ ही दूरी पर पेट्रोल पंप स्थित है। उसके आसपास विश्वविद्यालय के भी सुरक्षा गार्ड हमेशा मौजूद रहते हैं। बावजूद अपराधियों ने दिनदहाड़े इस तरह की वारदात को अंजाम दे दिया। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर डीएसपी प्रीतिश कुमार खुद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए तेज-तर्रार पुलिस पदाधिकारियों की टीम के साथ छापेमारी कर रहे हैं। हालांकि स्थानीय पुलिस पदाधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं।