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गांव में अब भी खुले में शौच जाते लोग, ओडीएफ पर सवाल

समस्तीपुर। उजियारपुर प्रखंड के चांदचैर करिहारा परोरिया बेलारी सहित अन्य पंचायतों के खेत-खलिहान से लेकर झाड़ी और बाड़ी में फैले शौच की गंदगी खुले में शौच मुक्त करने की सरकारी घोषणा की हकीकत को बयां करती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 11:41 PM (IST)
गांव में अब भी खुले में शौच जाते लोग, ओडीएफ पर सवाल
गांव में अब भी खुले में शौच जाते लोग, ओडीएफ पर सवाल

समस्तीपुर। उजियारपुर, प्रखंड के चांदचैर करिहारा, परोरिया, बेलारी सहित अन्य पंचायतों के खेत-खलिहान से लेकर झाड़ी और बाड़ी में फैले शौच की गंदगी खुले में शौच मुक्त करने की सरकारी घोषणा की हकीकत को बयां करती है। बिचौलिए की सक्रियता से संपन्न लोगों ने इस योजना की प्रोत्साहन राशि भी आवंटित करा ली। प्रशासन ने भी इसकी गहराई से जांच नहीं की कि वास्तव में शौचालय का निर्माण कराया गया है या नहीं। चांदचैर करिहारा पंचायत की बात करें तो यहां के दलित वर्ग आज भी खुले में शौच करने पर विवश हैं। कुछ लोगों को राशि नहीं मिल पायी है तो कुछ लोगों को जमीन का अभाव है। इस पंचायत के शिवनगर, माधोडीह, चकनिजाम, करिहारा गांव मिलाकर कुल 12 वार्ड है। इसमें वार्ड 1, 6, 7 तथा 11 में दलितों की घनी आबादी बसती है। जिसमें लोग शौचालय की योजना का लाभ लेने के लिए भटक रहे हैं। वहीं परोरिया, बेलारी आदि पंचायत के गरीब लोग किसानों की सख्त रवैये के कारण सड़कों के किनारे शौच करने के लिए मजबूर हो रहे है। इस तरह स्वच्छ गांव बनाने की परिकल्पना साकार नहीं हो पा रही है। वहीं जिन लोगों ने वर्षों पूर्व शौचालय बनाकर उपयोग कर रहे है, उन्हीं को सरकारी राशि मुहैया कराई जा रही है। इसमें बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं। इस योजना की धरातल पर स्थिति बहुत ही खराब है। ओडीएफ घोषित होने में प्रखंड के कई गांव पिछड़े हुए हैं। कहते हैं लोग

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प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर कहा है कि उनकी सहमति के बगैर किसी को राशि उपलब्ध न करावें। गांव के बिचौलियों के माध्यम से गलत लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच रहा है। साथ ही गांव को शौचमुक्त बनाने में रोड़ा बाधा उत्पन्न हो रही है।

मनोरंजन कुमार गिरि, मुखिया, चांदचौरर करिहारा दलित वर्गों के अधिकांश लोगों के घरों में शौचालय नहीं बन पाया है। इसका कारण है जमीन का अभाव। जमीन नहीं रहने के कारण वे शौचालय बनाने में पिछड़ रहे हैं।

रमोद पासवान, पूर्व वार्ड सदस्य शौचालय निर्माण योजा में सरकारी स्तर पर काफी धांधली की जा रही है। इस वजह से परोरिया गांव शौचमुक्त नहीं हो रहा है। इसके प्रति सरकारी पदाधिकारियों को सजग रहना आवश्यक है।

कन्हैया कुमार गरीबों के लिए सार्वजनिक शौचालय प्रत्येक गांव में बनाने की जरूरत है। इसके बाद ही कोई भी पंचायत पूर्णत: शौचमुक्त हो सकता है।

योगेंद्र सिंह, सरपंच, बेलारी


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