जिनके कोई नहीं उनके लिए दीनबंधु,़ अभियान के 100 दिन पूरे
अगर परमार्थ के लिए काम करने की इच्छा शक्ति हो तो इसके लिए अलग से वक्त निकालने की आवश्यकता नहीं।
समस्तीपुर । अगर परमार्थ के लिए काम करने की इच्छा शक्ति हो तो इसके लिए अलग से वक्त निकालने की आवश्यकता नहीं। आप अपने रोजगार की जिम्मेदारी के साथ सेवा कार्य कर सकते हैं। यह मिशाल पेश किया है स्थानीय युवा और समाजसेवी कार्यकर्ता स्वास्तिक सक्सेना ने। बेसहारा लोगों को भरपेट भोजन मिले। इसके लिए उन्होंने एक साल का बीड़ा उठाया है। दीनबंधु, जिनके लिए कोई नहीं उनके लिए हम यह कोई संस्था नहीं एक श्लोगन है। जो इनका परिचय कराती है। इसमें युवाओं की एक टोली है। जो शाम होते ही फूटपाथ, रेलवे स्टेशन, अस्पताल में जरुरतमंद व निराश्रितों को निश्शुल्क भोजन, पानी, दवा वितरित करते हैं। 8 नवंबर 2018 से प्रारंभ अभियान अनवरत गतिमान है। जो कुछ दिन पहले अकेले अपने दम पर शुरू की थी। समय के प्रवाह में उनके साथ कारवां जुड़ता गया। शहर के कुछ युवकों ने इस पवित्र उद्देश्य से सामर्थय के अनुसार अपनी सहभागिता निभाई। आज इस अभियान के 100 दिन पूरे हो गए। इस अवसर पर सदर अस्पताल में मरीजों के साथ केक काटकर खुशियां मनाई। स्वास्तिक बताते हैं कि समय के साथ टूटते मानव मूल्यों के इस युग में मानवता का नाता रिश्ता धीरे धीरे टूटता जा रहा है। मौके पर जिला जिला परिषद अध्यक्ष प्रेमलता, भाजपा नेता मनोज गुप्ता, जदयू नेता राजीव सिंह समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। लोगों ने इस अभियान की सफलता की कामना की।