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गांव में सड़क नहीं, पैदल पहुंचतीं दुल्हनियां

आजादी के बाद कितनी सरकारें आई और गई लेकिन खानपुर प्रखंड की कानूविशनपुर की दलित बस्ती में सड़क नहीं बन पाई। आज भी इस गांव के लोग पगडंडी सड़क से होकर आते-जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 01:14 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:29 AM (IST)
गांव में सड़क नहीं, पैदल पहुंचतीं दुल्हनियां
गांव में सड़क नहीं, पैदल पहुंचतीं दुल्हनियां

समस्तीपुर । आजादी के बाद कितनी सरकारें आई और गई, लेकिन खानपुर प्रखंड की कानूविशनपुर की दलित बस्ती में सड़क नहीं बन पाई। आज भी इस गांव के लोग पगडंडी सड़क से होकर आते-जाते हैं। शादी के बाद पहली बार अपनी ससुराल पहुंचने वाली नई-नवेली दुल्हन को भी पैदल ही आना पड़ता है। यह हाल तब है जब यह प्रखंड मुख्यालय से छह किलोमीटर की दूरी पर इलमासनगर चौक के समीप में बसा हुआ यह टोला है। कानू विशनपुर पंचायत का वार्ड नंबर-8 आज भी इलमासनगर चौक स्थित वार्ड संख्या 8 आज भी विकास के मामले में उपेक्षित है। सड़क नहीं होने की वजह से खेती-बारी में भी दिक्कतें होती है। मनरेगा के तहत काम नहीं मिलने से मजदूरों के समक्ष भुखमरी की समस्या बन गई है। इसको लेकर दैनिक जागरण ने पड़ताल की। आसपास के लोगों के साथ बैठक कर समस्या पर चर्चा की। चर्चा के दौरान बुटेली सदा, राम प्रकास सदा, चलित्तर सदा, उपेंद्र सदा, गणेशी सदा, कौशल्या देवी, विमला देवी,अमरीका देवी, शिला देवी, रेणु देवी, अनारसी देवी कहती हैं कि आइयो हमर सभक कनिया-पुतरिया गांव में पैदले अवइयै। हम सब अखनियो पिजड़ा में बंद छी।

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स्वास्थ्य, शिक्षा की भी सुविधा नदारद

स्वास्थ एवं शिक्षा की स्थिति भी बदतर है। स्वास्थ उपकेंद्र तो है, लेकिन सुविधा नदारद है। इस उपकेंद्र में न तो डॉक्टर नियमित रूप से आते हैं और न हीं यहां दवाई ही रहती है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोई कर्मी नहीं सुनता है। इस वजह से यहां के लोग निजी अस्पताल के भरोसे हैं। शिक्षा की स्थिति भी ठीक नहीं है। शिक्षक-छात्र अनुपात आज भी मानक के अनुरुप नहीं हो सका है।

कहते हैं लोग पंचायत में एक वर्ष पूर्व शौचालय निर्माण कार्य पूरा कर लेने का दावा किया गया। ओडीएफ भी घोषित हो गया। लेकिन 30 प्रतिशत परिवार आज भी शौचालय विहीन है। 25 प्रतिशत लोगों को आज भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है।

बीरेंद्र कुमार महतो उर्फ राम सागर महतो

मनरेगा में भ्रष्टाचार है। अधिकारी से लेकर कर्मी तक इसमें लिप्त है। इस वजह से मनरेगा का कोई कार्य नहीं हो रहा है। इससे मजदूरों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

शांति देवी पंचायत में करीब 500 सौ से अधिक ग्रेजुएट मजदूरी या फिर खेती करते हैं। सरकार की शराबबंदी टांय-टांय फिस्स हो गई है। शराब की बिक्री चोरी-छुपे खूब हो रही है।

दिनेश यादव, पूर्व पंसस इस पंचायत में 80 प्रतिशत लोग खेती के साथ मवेशी पालन कर जीवन यापन कर रहे हैं। पैक्स के माध्यम मिलने वाला लाभ समय पर उपलब्ध कराते रहते हैं।

विनय कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष बिजली नही पहुंचने के कारण वार्ड 10 में नलजल योजना का काम बाधित है। उच्च विधालय नही रहने के कारण छात्रों को 5 से 7 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। छात्र के अनुपात में शिक्षक नहीं रहने से छात्रों को ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाती है।

दिनेश कुमार महतो

प्रखंड के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की उदासीनता के कारण आम जनता का कार्य नही हो पा रहा है। लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर काटते रहते है। नल जल कार्य अधूरा है। जल्द पूरा हो जाता तो पेयजल संकट की समस्या दूर हो जाती।

मो.कलाम खान, राजद प्रखंड अध्यक्ष मेरे कार्यकाल में दर्जनों सड़क का निर्माण कराया गया है। दलित बस्ती में गली-नाली, आवास, एवं गरीबों को पेंशन दिलाया गया। हर-घर शौचालय निर्माण कराया गया है। 9 वार्ड में नल जल का कार्य पूरा हो गया है। शेष वार्ड में कार्य प्रगति पर है। पंचायत के विकास के लिए वे पूरी तरह जुटी हैं।

रीता देवी, मुखिया


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