तस्करी का डॉक्टर निकला यह मेडिकल छात्र, साथियों संग लूटी करोड़ों की मूर्तियां
बिहार के इस मुन्नाभाई एमबीबीएस का कारनामा रील लाइफ से हटकर है। उसने करोड़ों की मूर्तियों को लूटकर देश के बाहर बेचने की साजिश रची। लेकिन, लूट की पोल खुल गई। जानिए क्या है मामला।
समस्तीपुर [जेएनएन]। बिहार का यह 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' तस्करी का डॉक्टर निकला। उसने करोड़ों की प्राचीन मूर्तियों की लूट की साजिश रची। लेकिन, उन्हें देश के बाहर बेचने के पहले ही पोल खुल गई। इसके साथ ही तस्करों के एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा हुआ।
हम बात कर रहे हैं समस्तीपुर के सरायरंजन थाना क्षेत्र के नरघोघी स्थित रामजानकी मंदिर से पिछले दिनों लूटी गई सोने की तीन मूर्तियों सहित 14 मूर्तियों की बरामदगी की। करीब 50 करोड़ रुपये मूल्य की इन मूर्तियों की बरामदगी के साथ पुलिस ने छह तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें साजिश का सूत्रधार कटिहार मेडिकल कॉलेज का एक छात्र भी शामिल है। पुलिस ने लूट में प्रयुक्त एक एसयूवी (तवेरा) एवं 10 मोबाइल भी बरामद किए हैं।
एसपी दीपक रंजन ने बताया कि बीते 11 अप्रैल की देर रात अपराधियों ने रामजानकी ठाकुरबाड़ी की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों को बंधक बनाकर सोना एवं अष्टधातु से निर्मित 14 मूर्तियों को लूट लिया था। अपराधियों ने होमगार्ड जवानों की राइफलें छीनकर कुंआ व बगीचे में फेंक दिए थे।
12 अप्रैल को गृहरक्षक श्याम पासवान के बयान पर राम जानकी मंदिर में लूट की एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मो. तनवीर के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर लूटी गई सभी 14 मूर्तियों को बरामद करने में सफलता प्राप्त की।
एसपी ने बताया कि टीम ने इस घटना में शामिल आधा दर्जन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें फारुख आलम, डॉ. अशोक उर्फ पप्पू भाई उर्फ डॉ. शहनवाज उर्फ शमशाद आलम, देवेन्द्र कुमार, विश्वनाथ राय उर्फ विसो राय, आशुतोष कुमार एवं अनिल कुमार आनंद शामिल हैं। इसमें मेडिकल छात्र अशोक इस घटना का मास्टरमाइंड है।