भगवान राम और सीता के विवाह का किया सुंदर वर्णन
जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के मध्य विद्यालय बलदेवनगर बुनियादपुर में चल रहे रामकथा के नौवें व अंतिम दिन आचार्या सुश्री शांति श्रिया ने भगवान श्रीराम के विवाहोत्सव का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।
समस्तीपुर। जिले के शिवाजीनगर प्रखंड के मध्य विद्यालय बलदेवनगर बुनियादपुर में चल रहे रामकथा के नौवें व अंतिम दिन आचार्या सुश्री शांति श्रिया ने भगवान श्रीराम के विवाहोत्सव का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि मिथिलांचल की धरती जनकपुर में राजा जनक ने अपने प्रण के अनुसार शर्त रखा था कि जो भी शिव धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे। धनुष भंग महायज्ञ में रावण सहित देश-विदेश के कई राजा-महाराजाओं ने भाग लिया। लेकिन किसी ने भी शिव धनुष को अपनी जगह से हिला तक नहीं सका। जबकि विश्वामित्र के कहने पर भगवान राम ने फूल के सामान उस धनुष को उठाकर भंग कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान राम का विवाह माता सीता से होनी थी, इसलिए ऐसा हुआ। राजा दशरथ अवध से बारात लेकर मिथिलांचल की धरती जनकपुर पहुंचकर पूरे विधि विधान के शादी के बाद सीता को अयोध्या ले गए। प्रवचन के दौरान राम जानकी ठाकुरबारी लक्ष्मीनिया के महंत रामायणी देवेंद्र दास ने श्रद्धालुओं को 24 जुलाई से 5 अगस्त तक होने वाले 108 कुंडीय श्रीराम यज्ञ का भी संकल्प दिलाया। कथा सुनने के लिए दूरदराज से लोग पहुंचे थे। मौके पर काफी संख्या में भक्त उपस्थित थे। प्रवचन के दौरान काफी संख्या में सदस्य सक्रिय रहे।