सरकारी कार्यालयों के द्वार पर लिखे जाएंगे महात्मा गांधी के सुविचार
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सुविचारों को अब जिले के सभी सरकारी कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर सुंदर अक्षरों में अधिकारियों और आमजन को प्रेरित करने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।
समस्तीपुर । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सुविचारों को अब जिले के सभी सरकारी कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर सुंदर अक्षरों में अधिकारियों और आमजन को प्रेरित करने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। जिलाधिकारी चंद्रशेखर ¨सह ने सभी सरकारी कार्यालयों में इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। विदित हो कि राज्य के समावेशी विकास और सुशासन के संदर्भ में महात्मा गांधी के सुविचार अधिकारियों और नागरिकों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगा। दरअसल सूबे के समावेशी विकास और सुशासन के संदर्भ में महात्मा गांधी के सुविचार वर्तमान परिवेश में भी प्रासंगिक है। राष्ट्रपिता का कथन है कि पृथ्वी से हमें जो कुछ मिलता है वह हमारी आवश्यकता पूरी करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
महात्मा गांधी के सुविचारों को सभी सरकारी कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर सुंदर अक्षरों में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि आमजन के अलावा सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए यह विचार प्रेरणादायक साबित हो सके। मुख्य रूप से महात्मा गांधी के दो विचारों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस दिशा में शीघ्र ही कार्य करने को लेकर आदेश जारी किया गया है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के इन विचारों को प्रदर्शित भी किया जाएगा। जिसमें सात सामाजिक पापकर्म है। सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना धर्म। इसके अलावा पृथ्वी से हमें जो कुछ मिलता है वह हमारी आवश्यकता पूरी करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन हमारे लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं। इन सुविचारों को सरकारी कार्यालयों के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित किया जाएगा।