Move to Jagran APP

VIDEO: बिहार की ये है अनोखी अदालत, जहां चलता है अपना कानून, मिलती है अद्भुत सजा

बिहार के समस्तीपुर जिले में साल में एक बार किरोड़ी समाज की महापंचायत लगती है जिसमें अपने कानून के मुताबिक गुनाहगारों को अनोखी सजा दी जाती है। जानिए इस अनोखी अदालत को...

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 04:28 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 08:46 PM (IST)
VIDEO: बिहार की ये है अनोखी अदालत, जहां चलता है अपना कानून, मिलती है अद्भुत सजा
VIDEO: बिहार की ये है अनोखी अदालत, जहां चलता है अपना कानून, मिलती है अद्भुत सजा

समस्तीपुर, जेएनएन। जिले में घुमंतु खानाबदोश कुररियाड़ महासंघ की साल में एक बार पांच दिनों के लिए गोवर्धन अदालत लगती है, जहां इस समुदाय में अपने कानून और अपनी न्यायिक प्रक्रिया के तहत गुनाहगारों को सजा दी जाती है जो अपने आप में अनोखी होती है। समाज के सभी लोग अपने सभी विवाद निपटाते हैं। ये लोग न थाने जाते हैं और न कचहरी।

loksabha election banner

रविवार को विधि विधान के साथ कुलदेवता की पूजा के साथ न्याय के प्रतीक खंभे को गड्ढा खोदकर खड़ा किया गया। एक बड़ा गोलाकार चिह्न बनाकर लोग इसके चारों ओर बैठ गए। रविवार को हत्या और घरेलू विवाद से जुड़े चार केस में सुनवाई की गई। इनमें खंभे से बांधने, उल्टा कर खंभे से लटकाने और महिलाओं के सिर के बाल कटाने तक की सजा दी गई। लाखों में आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया।

 

इस समाज के अपने होते हैं जज 

गोवर्धन अदालत के 32 तथा कासमा और मिरदाहा के आठ-आठ जज सिर पर सफेद पगड़ी बांधकर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस समाज के परंपरागत रीति रिवाज और कानून के आधार पर मामले की सुनवाई करते हुए दोषियों को सजा दी गई।

बताया गया कि गोवर्धन अदालत में जज का फैसला सर्वमान्य होता है। इसके बाद किसी दूसरी अदालत में मामले की अपील नहीं की जाती है। खास बात यह है कि किसी महिला द्वारा पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से अनैतिक संबंध बनाने पर उसके पति या अभिभावक को भी सजा दी जाती है।

जघन्य अपराध करने वालों को समाज से वंचित कर दिया जाता है। गोवर्धन अदालत में राज्य के विभिन्न जिलों से लगभग 25 हजार लोग शामिल हुए। मौके पर काफी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।शंभुपट्टी मध्य विद्यालय के समीप लगी

हत्या और दुष्कर्म की एेसी है सजा....

गोवर्धन अदालत में शनिवार को जज ने हत्या के प्रयास और दुष्कर्म समेत विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हुए सात दोषियों को शारीरिक और आर्थिक सजा दी। अदालत के बीच न्याय के खंभे से बांधकर दोषियों के चेहरे पर कालिख और चूना लगाया गया।

सरायरंजन प्रखंड के रामचंद्रपुर निवासी मिथुन कुरेरी को भाई की हत्या के प्रयास के फलस्वरूप 51 हजार रुपये आर्थिक दंड के साथ खंभे से बांधकर चेहरे पर कालिख और चूना लगाया गया। वहीं दलसिंहसराय के एक व्यक्ति की पत्नी को दूसरे से अनैतिक संबंध बनाने के कारण खंभे से बांधकर चेहरे पर कालिख और चूना लगाया गया। इतना ही नहीं सिर के बाल काट दिए गए।इसके साथ ही ढाई लाख रुपये अर्थदंड की सजा दी गई।

सोशल मीडिया पर अनैतिक वीडियो वायरल करने की है एेसी सजा...

दरभंगा जिले के सोनखी निवासी एक जोड़े को अनैतिक संबंध बनाने व सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में चेहरे पर कालिख लगाकर सिर के बाल काटने के साथ चार लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। हसनपुर दुधपुरा निवासी एक युवक तथा उसकी माता को वेश्यावृति में संलिप्त रहने के आरोप में चेहरे पर कालिख और चूना लगाकर सिर के बाल काटने का आदेश दिया गया। साथ ही 1 लाख 51 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। 

मुगलकाल से चली आ रही पंरपरा 

मुगलकाल से ही इस समाज की न्यायिक व्यवस्था और कार्यप्रणाली सरकार की विधि व्यवस्था और कानून से अलग है। इस समाज के लोगों का कहना है कि वे अपनी समस्याओं और विभिन्न मामलों को लेकर पुलिस या कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाते। यहां समाजिक स्तर पर पारंपरिक न्याय व्यवस्था और कानून के आधार पर मामले की सुनवाई होती है।

गोवर्धन अदालत हे सर्वोच्च न्यायालय

गोवर्धन अदालत इस समाज का सर्वोच्च न्यायालय है। इसके बाद किसी दूसरे न्यायालय में मामले की अपील नहीं होती। जज का फैसला सर्वमान्य है। इसे लोग स्वीकार करते हैं। महासंघ के अध्यक्ष कमल कुरेड़ी ने कहा कि हमलोग भारतीय संविधान और मानवाधिकार का सम्मान करते हैं। समाज द्वारा यह परंपरा मुगलकाल से ही चली आ रही है। 

कहा-महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 

उधर, करोड़ी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल करोड़ी ने बताया, "वे कानून की इज्जत करते हैं। पंचायत में मानवाधिकार का हनन नहीं होता है। समाज के लोग आपस में बैठक कर सामने आने वाले मामलों को अपने स्तर पर समाधान खोज लेते हैं।" 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.