विस्थापित परिवार को बसाने की मांग को लेकर अनशन शुरू
उजियारपुर प्रखंड के गावपुर पंचायत सरकार भवन परिसर से विस्थापित परिवार को जमीन देकर घर बसाने की मांग को लेकर मंगलवार को सियाराम दास एवं फूलेश्वरी देवी ने अनशन की शुरुआत की।
समस्तीपुर । उजियारपुर प्रखंड के गावपुर पंचायत सरकार भवन परिसर से विस्थापित परिवार को जमीन देकर घर बसाने की मांग को लेकर मंगलवार को सियाराम दास एवं फूलेश्वरी देवी ने अनशन की शुरुआत की। इनकी मांगों के समर्थन में स्थानीय माकपा कार्यकर्ताओं ने भी अनशन स्थल पर आकर विस्थापित लोगों को अविलंब जमीन देकर घर बसाने की मांग प्रशासन से की। माकपा के रामवृक्ष सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि गावपुर स्थित धोबियाही पोखर के भिडा पर वर्षो से भूमिहीन परिवार के लोग बसे थे। जिसमें पंचायत सरकार भवन बना दिया गया। इस कारण लोगों को वहां से हटा दिया गया। सियाराम दास के परिवार अबतक इसी परिसर में बसे थे। परंतु चारदीवारी के गेट में ताला लगाने के कारण इनके परिवार के लोगों को घर से निकलने में परेशानी हो गई है। अबतक सियाराम के परिवार को बसाने का कोई उपाय नहीं किया गया है। पदाधिकारियों को बार-बार आवेदन देने पर भी कोई कारवाई नहीं होने पर विवश होकर अपने घर के सामने अनशन शुरू किया गया है। सीपीएम कार्यकर्ताओं ने मांगों का समर्थन करते हुए आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया है। मौके पर जिला मंत्री रामाश्रय महतो, खेमयू अंचल मंत्री दिनेश पासवान, जगदीश महतो, उमेश मल्लिक, कुवंर प्रसाद सिंह, ब्यास पासवान आदि मौजूद थे।
अनियमितता के आरोप में डीलर की अनुज्ञप्ति रद
रोसड़ा : अनुमंडलाधिकारी ब्रजेश कुमार ने सिघिया प्रखंड अंतर्गत सिघिया- 03 पंचायत के जविप्र विक्रेता संतोष कुमार महतो की अनुज्ञप्ति रद्द कर दी है। उक्त डीलर के विरुद्ध लगे आरोपों को जांच के दौरान सही पाने तथा कारण पृच्छा का जबाब संतोषजनक नहीं रहने के कारण अनुज्ञप्ति पदाधिकारी द्वारा उक्त कार्रवाई की गई है। इस संबंध में एसडीओ ने बताया कि उक्त डीलर पर निर्धारित से अधिक राशि वसूल करने एवं वजन कम देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत मिलने वाले चना का वितरण नहीं करने एवं पॉश मशीन से निकलने वाला रसीद उपभोक्ताओं को हस्तगत नहीं कराने आदि का आरोप लगाया गया था। आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा जांच के दौरान आरोप सत्य पाने पर उक्त डीलर के विरुद्ध कारण पृच्छा की गई थी। संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण उसकी अनुज्ञप्ति संख्या 85/2019 को रद्द कर दी गई है।