बारिश से मक्के की फसल को भारी क्षति, आम व लीची को भी नुकसान
कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में रविवार को हुई गरज के साथ बारिश ने कमर तोड़कर रख दी है। फसलों को काफी नुकसान हुआ। बारिश से कई कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त हुए।
समस्तीपुर । कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र में रविवार को हुई गरज के साथ बारिश ने कमर तोड़कर रख दी है। फसलों को काफी नुकसान हुआ। बारिश से कई कच्चे मकान भी क्षतिग्रस्त हुए। किसान मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि ध्रुवगामा गांव के अधिकतर की आय के साधन आम के बगीचे हैं। इस बार आम की फसल काफी अच्छी थी। ओलावृष्टि के कारण टिकोले गिरकर बर्बाद हो गए। अजना गांव के जगदेव राय का कहना है कि उनके क्षेत्र में मक्के की फसल चौपट हो गई। गोविदपुर खजूरी गांव के पैक्स अध्यक्ष रामबली ने बताया कि वर्षा से किसानों को काफी क्षति हुई है। सरकार सर्वेक्षण कराकर फसल क्षति की भरपाई करे। वारिसनगर,संस: एक हफ्ते से प्रखंड क्षेत्र मे लगातार हो रहे आंधी व मुसलाधार बारिश ने किसानों को बेचैन कर दिया है। खेतों में तैयार मकई की फसल को गिरा देख वह अपनी किस्मत का रोना रो रहे हैं। वहीं रोहुआ, धनहर, छतनेश्वर, कुसैया, धुरलख, मोहद्दीनपुर, रतरास आदि जगहों के किसानों का कहना है कि गाजर, चुकंदर, प्याज, कद्दू, परवल आदि सब्जियों के खेत में बारिश का पानी लगने से काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की कटाई व खलिहान में पड़ी कट चुकी गेहूं की फसल के साथ ही आम की फसल बर्बाद हो गई। कोरोना वायरस के बाद प्रकृति की इस मार ने किसानों के चेहरों पर चिता की लकीरें ला दी है। जिला राजद नेता व सारी पैक्स अध्यक्ष नागमणि ने कहा है कि आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से किसान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पहले तेज आंधी आई और फिर उसके बाद प्रखंड के कई गांवों में झमाझम बारिश से खेतों पर तैयार हो रही फसलें बर्बाद हो चुकी है। राजद नेता ने किसानों की कर्ज माफी कर उचित मुआवजा देने की मांग सरकार से की है। शिवाजीनगर, संस: रविवार के दिन आंधी तूफान के साथ साथ भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ ठंड के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे। एक सप्ताह पूर्व से प्रत्येक दिन आंधी तूफान और भारी बारिश के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। किसानों की खेतों में लगी गेहूं की फसल एवं कटनी कर रखें गेहूं के बोझे बरसात के पानी में भीगने से गेहूं की बाली में अंकुरण आना शुरू हो गया है। कृषि समन्वयक के अनुमान के मुताबिक शिवाजीनगर प्रखंड के 25 प्रतिशत खेतों में लगी हुई है गेहूं की फसल मक्के की फसल कटनी अभी बाकी है। भारी आंधी-तूफान के साथ बारिश होने के कारण खेतों में लगी मक्का की फसल गिरकर बर्बाद हो रहे हैं। आम लीची के बगीचे में लगी टिकोरे एवं लीची की टिकोले भी आंधी पानी के कारण गिरकर काफी मात्रा में झड़ रहे हैं। हसनपुर,संस: रविवार के दिन तेज आंधी के साथ हुई मूसलाधार बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इस दौरान खेतों में लगी दलहन, तेलहन और सब्जी के फसल को भारी नुकसान होने से किसानों में त्राहि त्राहि मच गया है। बता दें कि देश में लॉकडाउन रहने से लोग और किसानों की स्थिति पहले से ही दयनीय हो चुकी है। उसके बाद खेतों में लगी लहराती फसल ही जीने का एक माध्यम बना हुआ था। मगर रविवार को हुई भारी बारिश ने किसानों को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया। इससे अब ऐसा लगने लगा है कि ईश्वर इंसानी जिदगी के साथ-साथ कुदरत के बनाए पर्यावरण को भी नष्ट कर मानव को सबक सिखाने में जुट गए हैं। इससे पूर्व भी इंद्रदेव ने अपना कहर बरपा कर किसानों के करीब 35 सौ हेक्टेयर भूमि में लगी गेंहू,2 हजार हेक्टेयर भूमि में मक्का की फसल,259 हेक्टेयर भूमि में लगी दलहन की फसल के साथ साथ आम एवं लीची की फल को नष्ट कर किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान कर चुके हैं। उसके बाद रविवार को हुई मूसलाधार बारिश ने खेतों में जो भी बची फसल थी, उसे भी बर्बाद कर किसानों को कंगाली के कगार पर पहुंचा दिया है।