डेंगू और चिकनगुनिया को पर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनाते हुए हेल्थ अलर्ट जारी कर दिया है। इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ. सियाराम मिश्र ने बीमारी पर अलर्ट जारी करते कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
समस्तीपुर । डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनाते हुए हेल्थ अलर्ट जारी कर दिया है। इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ. सियाराम मिश्र ने बीमारी पर अलर्ट जारी करते कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। सीएस ने सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल पूसा, दलसिंहसराय, रोसड़ा एवं पटोरी के उपाधीक्षक, रेफरल अस्पताल ताजपुर और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निरोधात्मक एवं उपचारात्मक कार्रवाई करने का जिम्मा दिया है। सभी को डेंगू एवं चिकनगुनिया बीमारी पर विशेष निगरानी रखने एवं संदिग्ध मरीज की सूचना मिलते ही उपचार करते हुए तत्काल जानकारी देने को कहा गया है। स्वास्थ्य संस्थानों में बीमारी से संबंधित एक आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया। इसके अलावा सदर अस्पताल में कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए हेल्पलाइन नंबर 8544421784 जारी किया गया है। जिसके लिए उपाधीक्षक को 24 घंटे कर्मी की तैनाती करने को कहा गया है। संदिग्ध मरीजों पर भी निगरानी रखने का निर्देश
जिले के सभी प्राइवेट क्लीनिक, अस्पताल और नर्सिंग होम से भी समन्वय स्थापित कर प्रत्येक दिन संदिग्ध मरीज मिलने पर रिपोर्ट सिविल सर्जन और जिला मलेरिया कार्यालय को देने को कहा। मानसून में डेंगू और चिकनगुनिया एक आम समस्या है। इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। मौसम बदलने के साथ ही लोगों को बुखार और जुकाम के अलावा कई तरह की बीमारियां परेशान करने लगती है। इसमें चिकनगुनिया और डेंगू होने का खतरा भी बढ़ जाता है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रैपिड एनएस-1 या एक ग्राम किट का रोगी कल्याण समिति से नियमानुसार क्रय कर कम से कम 10 किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। जिससे की संभावित मरीजों की स्क्रीनिग की जा सके। इसके अलावा बीमारी से संबंधित सभी प्रकार की दवा उपलब्ध कराने को कहा। एएनएम, आशा और हेल्थ वर्कर मरीज का करेंगी सर्वे
एएनएम, आशा और हेल्थ वर्कर को अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत बीमारी के लक्षण व बुखार से पीड़ित मरीज को सर्वे करेंगी। इसका लाइन लिस्ट बनाते हुए अपने स्तर से संबंधित बीमारी का पहचान कर उसका उपचार किया जाना है। सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में चिकित्सक, एएनएम, पारामेडिकल वर्कर और आशा निरोधात्मक एवं उपचारात्मक कार्रवाई के लिए जागरूक करेंगे। डेंगू व चिकनगुनिया मरीज की पहचान होने पर संबंधित क्षेत्र में कैंप, समुदाय जागरूकता और स्वच्छता अभियान आदि कार्य कराया जाना है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से क्षेत्र के समुदाय को जलजमाव, जहां मच्छर पनपता हो जैसे -टूटा-फूटा बर्तन, पुराना टायर, गमला आदि में जलजमाव से उत्पन्न होने वाले मच्छरों की रोकथाम के लिए जागरूक किया जाना है। संभावित क्षेत्र में होगी फॉगिग
डेंगू और चिकनगुनिया बीमारी के संभावित मरीज मिलने पर उस क्षेत्र में मालाथियॉन का फॉगिग किया जाएगा। प्रभावित क्षेत्र में मच्छर का लार्वा को रोकथाम हेतु एंटी लावरल स्प्रे, टेमीपोश फाइलेरिया विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए छिड़काव कराया जाएगा। बीमारी की रोकथाम के लिए स्थानीय विभाग जैसे पीएचईडी, नगर परिषद, पंचायती राज, शिक्षा विभाग एवं प्रभावित क्षेत्र के क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता के साथ रोकथाम के लिए समन्वय बैठक करेंगे।