परंपरा की रखवाली, सजा सहे फूलों की क्यारी
हर सुबह बजती घंटी ईश्वर की बंदगी.. बोर्ड पर बदलती तिथि। अनमोल वचनों में जीवन का सार। कोरोना से जीत जाने का संकल्प बस कुछ दिन और..। समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय के पाड़ का उत्क्रमित मध्य विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर कुछ ऐसा ही अनूठा संदेश दे रहा।
समस्तीपुर । हर सुबह बजती घंटी, ईश्वर की बंदगी.. बोर्ड पर बदलती तिथि। अनमोल वचनों में जीवन का सार। कोरोना से जीत जाने का संकल्प, बस कुछ दिन और..। समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय के पाड़ का उत्क्रमित मध्य विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर कुछ ऐसा ही अनूठा संदेश दे रहा। क्वारंटाइन 12 लोगों की दिनचर्या इस कदर कि स्कूल का कोना-कोना खिल जाए, महक उठे। चाह एक ही स्कूल की दरो-दीवार संवारने की। किसी को प्रकृति से प्रेम तो किसी को बागवानी की चाह। कोई सब्जी उगाना चाहता तो कोई स्कूल का भवन दुरुस्त कर रहा। सबका उद्देश्य एक, स्कूल की परंपरा सहेजने की।
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बदली दिनचर्या से संवार रहे स्कूल
क्वारंटाइन सेंटर पर विभिन्न जिलों के लोग हैं। न नाम, न पहचान..बस अपना-अपना काम। दिनचर्या भी स्कूल के मुताबिक। सुबह की प्रार्थना के बाद नाश्ते का प्रबंध, फिर दिन भर का काम। क्वारंटाइन लोगों में हर कोई अलग-अलग काम में दक्ष है। फिजिकल डिस्टेंस का ख्याल, इसलिए 12 लोगों में टोली भी तीन-तीन की।
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महोगनी के लगाए 50 पौधे
स्थानीय मुखियापति प्रमोद कुमार सिंह लोगों को जरूरी सामान उपलब्ध करा रहे। बताते हैं सभी लोग ठीक हैं, जांच हो चुकी है। सतर्कता के लिए क्वारंटाइन किया गया है। बाहर परिसर में फूलों को पानी दे रहे एक अधेड़ व्यक्ति ने कहा, दिनभर बैठना ठीक नहीं लगता। स्कूल कैंपस में निकलते थे, आसपास की जगह देखकर ठीक नहीं लगता। इसी से हमें कुछ करने की प्रेरणा मिली। हम सभी ने तय कर लिया, ऐसे नहीं बैठना है। कुछ जरूरी सामान जुटाए और लग गए स्कूल को संवारने में। साफ-सफाई के साथ विद्यालय परिसर में महोगनी के 50 पौधे लगा दिए। गेंदा का फूल लगाकर उसकी देखभाल करने लगे। कुछ साथियों ने गद्दू और गेन्हारी के साग की भी खेती शुरू कर दी।
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तीन समय के भोजन के साथ संतुलित व्यवस्था
क्वारंटाइन सेंटर पर तीन समय के भोजन के साथ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। स्वास्थ्य विभाग की टीम डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा के नेतृत्व में हर दिन जांच के लिए आती है। इसकी रिपोर्ट भी विभाग को भेजी जाती।
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बयान
क्वारंटाइन सेंटर में रहकर समय बिताने के साथ पर्यावरण का ख्याल रखना बेहतर प्रयास है। पाड़ के विद्यालय स्थित सेंटर में रह रहे लोग दूसरे के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। विद्यालय परिसर में फूल-पौधे लगाने से मन भी लगा रहता और पर्यावरण का संरक्षण भी हो रहा।
- विष्णुदेव मंडल, एसडीओ, दलसिसराय