मोहनपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद नित्यानंद राय ने बुधवार को मोहनपुर प्रखंड का दौरा कर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया। वे रसलपुर में कटाव निरोधी तटबंध पर भी गए और बाढ़ की भयावहता से रूबरू हुए।
समस्तीपुर । केंद्रीय गृह राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद नित्यानंद राय ने बुधवार को मोहनपुर प्रखंड का दौरा कर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया। वे रसलपुर में कटाव निरोधी तटबंध पर भी गए और बाढ़ की भयावहता से रूबरू हुए। मध्य विद्यालय, रसलपुर व दुर्गा मंदिर डुमरी में चल रहे बाढ़ राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया। वहां रह रहे बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जाना। उन्होंने सीओ से बात कर पर्याप्त संख्या में सामुदायिक भोजनालय चलाने के बारे में कहा। मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने, साथ ही सामुदायिक किचन में बच्चों के लिए एक गिलास दूध प्रतिदिन देने की बात कही। उन्होंने डुमरी से लेकर बिनगामा-जलालपुर होते हुए शाहपुर बरांट तक बांध के रास्ते बाढ़ग्रस्त गांवों का अवलोकन किया और यथासंभव राहत दिलवाने का आश्वासन दिया। उनके साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष रामसुमिरन सिंह, राजकपूर सिंह, राजेश कुमार सिंह, सुजित भगत, अरुण कुमार सिंह, भाई रणधीर, उमाशंकर सिंह, रवीश सिंह, संतोष पोद्दार, टनटन सिंह,धीरेंद्र चौहान, मनोज सिंह, राजेश सिंह, गुग्गुल सिंह, सत्येंद्र नारायण सिंह मौजूद रहे।
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जौनापुर-बिनगामा पीडब्ल्यूडी संपर्क मार्ग टूटा, पांच हजार की आबादी प्रभावित
बाढ़ के पानी के अत्यधिक दबाव के कारण जौनापुर-बिनगामा पीडब्ल्यूडी सड़क पुलिया मंगलवार की देर रात टूट गई। इससे इस होकर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इस सड़क के टूटने से राजपुर-जौनापुर पंचायत, बिशनपुर बेरी पंचायत के मटिऔर गांव व डुमरी दक्षिणी पंचायत की लगभग 25 हजार की आबादी का मोहिउद्दीन-महनार मुख्य मार्ग, प्रखंड मुख्यालय व अनुमंडल मुख्यालय से सड़क-संपर्क टूट गया। उन्हें पांच से सात किलोमीटर घूमकर बिशनपुर-बेरी के रास्ते निकलना पर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की शाम को जब रोड के नीचे से पानी का बहाव होने लगा, तो राजपुर-जौनापुर पंचायत की मुखिया रेखा देवी द्वारा इसकी सूचना सीओ को दी गयी। अंचल प्रशासन द्वारा भेजी गई एक ट्रैक्टर बालू भरी बोरियों को ग्रामीणों की मदद से वहां डालकर सड़क को बचाने का प्रयास किया गया, कितु पानी की धार इतनी तेज थी कि बालू की बोरियों को बहा ले गई और देखते ही देखते उस स्थान पर सड़क पूरी तरह से टूट गई। ग्रामीण बताते हैं कि अगर पीडब्ल्यूडी द्वारा अन्य वर्षो की तरह इस वर्ष भी जहां-जहां से बाढ़ का पानी सड़क के ऊपर से होकर बह रहा था, वहां-वहां पर पहले ही बालू भरी बोरियां रख दी जातीं, तो सड़क नहीं टूटती। बताते चलें कि यह सड़क 2009 में बनी थी और 2016 जैसी भयंकर बाढ़ के समय भी यह नहीं टूटी थी। सीओ चंद्रकांत सिंह बताते हैं कि उस जगह पानी का बहुत ही अधिक दबाव व तेज धारा है। जैसे ही पानी कम होगा, मरम्मती का कार्य करवा दिया जाएगा ।
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बाढ़ पीड़ितों के लिए 13 सामुदायिक भोजनालय की व्यवस्था
बुधवार की सुबह से बाढ़ का पानी उतरने लगा है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, दलसिंहसराय के सरारी कैंप से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजे तक जलस्तर में पांच सेमी की कमी आई है। फिलहाल, जलस्तर 4710 सेमी है जो कि खतरे के निशान से 160 सेमी ऊपर है। सीओ चंद्रकांत सिंह ने बताया कि बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए बाढ़पीड़ितों के लिए हरदासपुर, रसलपुर, डुमरी व जौनापुर में बुधवार से कुल 13 सामुदायिक भोजनालय चलाए जा रहे हैं। पीएचसी मोहनपुर के स्वास्थ्य प्रबंधक आदित्य मणि ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए जौनापुर, बघड़ा, जलालपुर और रसलपुर में स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए समाजसेवियों को आगे आते देखा जा रहा है। शिक्षक अमित कुमार सिंह अपनी ओर से रसलपुर के बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार चूड़ा-गुड़ का वितरण कर रहे हैं। पर्यावरणसेवी सुजीत कुमार भगत, डॉ. सुनील के साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों को बीमारियों से बचने के लिए मुफ्त में दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।