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50 लाख कर्ज के बोझ तले दबे सब्जी उत्पादक किसान, पदाधिकारी नहीं सुन रहे फरियाद

कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र की अजना पंचायत के मंजिल मुबारक निवासी सब्जी उत्पादक युवा किसान पंकज कुमार साह विगत 5 वर्षो से लगातार घाटे में जा रहे हैं। किसी न किसी आपदा के कारण आर्थिक घाटे से त्रस्त किसान ने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर से मिलकर उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में अपनी व्यथा सुनाते हुए लिखित आवेदन दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 12:43 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 12:43 AM (IST)
50 लाख कर्ज के बोझ तले दबे सब्जी उत्पादक किसान, पदाधिकारी नहीं सुन रहे फरियाद
50 लाख कर्ज के बोझ तले दबे सब्जी उत्पादक किसान, पदाधिकारी नहीं सुन रहे फरियाद

समस्तीपुर । कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र की अजना पंचायत के मंजिल मुबारक निवासी सब्जी उत्पादक युवा किसान पंकज कुमार साह विगत 5 वर्षो से लगातार घाटे में जा रहे हैं। किसी न किसी आपदा के कारण आर्थिक घाटे से त्रस्त किसान ने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर से मिलकर उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में अपनी व्यथा सुनाते हुए लिखित आवेदन दिया है। पीड़ित किसान ने डीएम को बताया कि वर्तमान में कोरोना एवं पूर्व में ओलावृष्टि, आंधी सहित अन्य आपदा को लेकर केनरा बैंक शाखा मुक्तापुर से ऋण के अलावा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा ली गई नकदी सहायता लगभग 50 लाख से अधिक हो चुका है। बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन में घाटा लग गया। इसकी भरपाई करने में वे असमर्थ हो रहे हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने के बावजूद उसका लाभ उन्हें नहीं मिला। इस संबंध में उसने बार-बार स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों से लेकर जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी के यहां गुहार लगाई। बावजूद इसके अब तक उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है, जिससे वे आत्महत्या के कगार पर पहुंच चुके हैं। इसको लेकर वह राष्ट्रपति को भी त्राहिमाम संदेश भेज चुके हैं। जिलाधिकारी ने पीड़ित किसान की व्यथा सुनकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि यह मामला सहकारिता से जुड़ा हुआ है। विभागीय पदाधिकारी के स्तर से कार्रवाई होते ही किसान को लाभ मिल सकता है। इसके बाद पीड़ित किसान जिला सहकारिता पदाधिकारी से बार-बार गुहार लगा चुके हैं। परंतु उनकी फरियाद पर अमल नहीं किया जा रहा है। बता दें कि उक्त युवा किसान विगत 25 वर्षो से 10 एकड़ बटाई पर खेत लेकर टमाटर, गोभी, आलू आदि सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं। विगत 5 वर्षो से आपदा के कारण 50 लाख रुपये के कर्ज में डूब चुके हैं। इनका पूरा परिवार इस घाटे को लेकर चितित एवं व्याकुल हैं।

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