शोहदा-ए-कर्बला की कुर्बानियों को याद कर नम हुई आखें, लबों से निकली या हुसैन की सदाएं
फोटो 30 एसएएम 24 25 26 27 - एहतियात के साथ इबादत फातिहा पढ़ कर पूरी की रवायत जासं
समस्तीपुर। अकीदत व सौहार्द के बीच रविवार को मोहर्रम का त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। दसवीं मोहर्रम पर अकीदतमंदों ने इमामबाड़ा में ताजिया रखकर नियाज और फातिहा पढ़ा। तकरीर के जरिए उलेमा ने शोहदा-ए-कर्बला की कुर्बानियों को याद किया। इसे सुनकर अकीदमंदों की आंखे नम हो गई और लबों से या हुसैन की सदाएं जारी हुई। हर साल मुहर्रम को ताजिए का जुलूस निकाला जाता था। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण को लेकर बदली परिस्थिति में लोग अकीदत का ताजिया रख खिराजे अकीदत पेश की। रविवार को दसवीं मोहर्रम को इमामबाड़ा में शिद्दत के साथ रवायत पूरी की गई। इस ओर वक्फ बोर्ड द्वारा पूर्व में ही गाइड लाइन जारी कर लोगों से अपील की गई थी। कोरोना की वजह से अधिक लोगों के जुटने की मनाही रही। इसलिए, अकीदतमंदों ने घरों पर ही शोहदा-ए-कर्बला की मजलिस किया। इमामबाड़ा के मुजाबिर मो. कासिम ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने मैदान-ए-कर्बला में अपनी और अपने भूखे प्यासे बच्चों, जानिसारों की कुर्बानी पेश करने दुनिया को बताया कि गलत के सामने हमें नहीं झुकना चाहिए।
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सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चौकस रही पुलिस
लॉकडाउन के बीच विधि व्यवस्था के अनुपालन में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही। रविवार को सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्वक मोहर्रम का त्योहार संपन्न कराया गया। इसे लेकर शहर में पुलिस की चौकसी बढ़ा गई थी। आलाधिकारी स्वयं हालात पर नजर बनाए थे। डीएम शशांक शुभंकर, एसपी विकास बर्मन, सदर डीएसपी प्रितिश कुमार, सदर एसडीओ आरके दिवाकर, अंचलाधिकारी धर्मेन्द्र पंडित, नगर थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद समेत पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पूरे दिन गश्त लगाकर विधि व्यवस्था की निगरानी की।