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ज्ञान के अभाव में संपत्ति भी हो सकता घातक: देवाशीष

समस्तीपुर। जगत गुरु भगवान शिव परम कल्याणकारी है। किसी भी जाति धर्म व संप्रदाय का व्यक्ति भगवान शिव को अपना गुरु बना सकता है। इसके लिए किसी दीक्षा की आवश्यकता नहीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 12:06 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 12:06 AM (IST)
ज्ञान के अभाव में संपत्ति भी हो सकता घातक: देवाशीष
ज्ञान के अभाव में संपत्ति भी हो सकता घातक: देवाशीष

समस्तीपुर। जगत गुरु भगवान शिव परम कल्याणकारी है। किसी भी जाति, धर्म व संप्रदाय का व्यक्ति भगवान शिव को अपना गुरु बना सकता है। इसके लिए किसी दीक्षा की आवश्यकता नहीं। मन के विचार से ही शिष्य बनना निश्चित है। औढ़रदानी स्वरूप में शिव से धन-धान्य संपदा व संतान की प्राप्ति होती है, लेकिन इसकी रक्षा और सकारात्मक उपयोग के लिए गुरु स्वरूप शिव से ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। बिना ज्ञान के संपत्ति और संपदा भी घातक हो सकता है। उक्त बातें शिव शिष्य परिवार के वरिष्ठ सदस्य बेगूसराय से आए देवाशीष प्रसाद सिंह ने कही। रोसड़ा के जननायक स्टेडियम में आयोजित शिव शिष्य परिचर्चा में शामिल राज्यभर के हजारों शिव भक्तों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि शास्त्रों एवं ऋृषि मनीषियों द्वारा माहेश्वर शिव को परम गुरु से विभूषित किया गया है। वहीं पवन सिंह ने वरेण्य गुरुभ्राता साहेब हरिद्रानंद जी के कथनों को दोहराते हुए कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के भी गुरु है। जबकि, अजय कुमार गरीब ने परिचर्चा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक एक व्यक्ति को गुरु स्वरूप महेश्वर शिव के शिष्य के रूप में जोड़ना ही परिचर्चा का मूल मंत्र है। इसके अलावा शशि भूषण चौधरी, अशोक कुमार एवं रंजीत कुमार आदि ने भी अपना-अपना विचार रखा। मौके पर मनीष रजक, वार्ड पार्षद मुन्नी देवी, राज देव महतो, मनोहर दास, रामशरण राम, उदगार महतो, सुधीर कुमार एवं प्रमोद महतो उपस्थित रहे।

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