आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक
लॉकडाउन और निजी पब्लिक स्कूलों के बंद होने के बाद उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की आर्थिक स्थिति लगातार खस्ता होती जा रही है।
समस्तीपुर। लॉकडाउन और निजी पब्लिक स्कूलों के बंद होने के बाद उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की आर्थिक स्थिति लगातार खस्ता होती जा रही है। कई निजी पब्लिक स्कूलों के शिक्षकों को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। लॉकडाउन के दौरान किसी के जीवन की दुश्वारियां इतनी न बढ़ जाएं कि उसे भूखों रहना पड़े, इसे लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ानेवाले शिक्षकों की संख्या दर्जनों है। ये बेरोजगार हो गए हैं। कई स्कूलों ने तो वेतन भी नहीं दिया है। स्कूल खुले रहने पर ये ट्यूशन भी पढ़ाते थे, इससे इनकी आमदनी ठीक-ठाक हो जाती थी। अब न तो वेतन मिल रहा और न ही ये ट्यूशन पढ़ाने जा रहे। कोरोना संकट में हो रही परेशानी कोरोना संकट के बीच स्कूल व शिक्षण संस्थान के बंद रहने से निजी स्कूल के शिक्षकों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। स्कूल संचालन नहीं होने के कारण प्रबंधन द्वारा उन्हें वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण बीते चार महीने से उन्हें आर्थिक परेशानी हो रही है। शिक्षक रवि कुमार, प्रशांत कुमार, नूतन कुमारी, प्रतिभा कुमारी आदि ने बताया कि स्कूलों में मामूली वेतन पर काम करते थे और बच्चों को घरों में पढ़ाते थे। लेकिन कोरोना संकट के बीच आमदनी बंद हो चुकी है। वहीं दुकानदारों ने भी अब उधार देना बंद कर दिया है।