हड़ताल पर रहे दवा व्यवसायी, दुकानों में लटके ताले, मरीजों को परेशानी
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार से जिले के तमाम दवा दुकानदार तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए। दवा दुकानदारों की हड़ताल के कारण जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड तक करीब डेढ़ हजार दवा की दुकानें पूरी तरह से बंद रहीं।
समस्तीपुर । बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार से जिले के तमाम दवा दुकानदार तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए। दवा दुकानदारों की हड़ताल के कारण जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड तक करीब डेढ़ हजार दवा की दुकानें पूरी तरह से बंद रहीं। इसमें प्राइवेट नर्सिंग होम में संचालित दुकानों को भी बंद रखा गया। वहीं ड्रग विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत खोली गई दवा दुकानों को भी बंद करा दिया गया। इसके बाद जिले में पांच घंटे तक पूर्णत: सभी दवा दुकानें बंद रहीं। दवा की दुकानें बंद होने के कारण मरीज व उनके परिवार के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इस बीच दवा व्यवसायियों ने शहर के मूलचंद रोड में धरना दिया। दवा दुकान बंद रहने के बाद ड्रग विभाग के लाइसेंसिग ऑथोरिटी नित्यानंद किसलय, ड्रग इंस्पेक्टर शंभूनाथ ठाकुर, शिवनंदन ने एसोसिएशन से वार्ता की। जिसके बाद शहर में तीन दिनों के लिए आपातकालीन सेवा के तहत एक-एक दवा दुकान खोलने पर सहमति बनी। इसमें बुधवार को आशा मेडिकल हॉल को खोला गया। इसके बाद 23 जनवरी को शिव मेडिकल हॉल एवं जीवन मेडिकल हॉल और 24 जनवरी को ड्रग हाउस और शांति निकेतन को खोलने का निर्णय लिया गया।
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला इकाई के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि दवा व्यवसायी को दवा दुकानों के निरीक्षण के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। दवा दुकानदारों को प्रताड़ित करने का कार्य जिले में ही सीमित नहीं है, पूरे प्रदेश में स्थिति एक समान है। दवा दुकानों की जांच करने के नाम पर आनेवाले पदाधिकारी दुकानदार को प्रताड़ित करते हैं। ऐसे में दवा दुकानदारों के संबंध में बनाए गए नियमों में बदलाव, जांच की प्रकिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने, फार्मासिस्टों की सभी समस्याओं का समाधान सरकार के स्तर पर करने, दवा दुकानों का निरीक्षण ड्रग एक्ट के नियमों के अनुसार करने, अनुज्ञप्ति के नवीकरण व चालान जमा करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने सहित अन्य मांगों को लेकर यह हड़ताल आयोजित किया गया है। सरकारी अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की भीड़
तीन दिवसीय दवा दुकानदारों की हड़ताल के कारण सरकारी अस्पतालों में बुधवार को अचानक मरीजों की भीड़ बढ़ गई। तमाम निजी दवा दुकानों के बंद रहने के कारण बाजार में दवा मिलना बंद होने के कारण लोगों ने बीमार लोगों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराया। ऐसे में सदर अस्पताल के अलावा ग्रामीण इलाकों में स्थित स्वास्थ्य संस्थानों में अन्य दिनों की अपेक्षा मरीजों की भीड़ बुधवार को अधिक रही।